scriptये यमदूत घोल रहा जहन में खतरनाक जहर, आप भी हो जाइए सावधान | This Yamdoot is dissolving dangerous poison in the mind, you should al | Patrika News

ये यमदूत घोल रहा जहन में खतरनाक जहर, आप भी हो जाइए सावधान

locationचित्तौड़गढ़Published: Dec 02, 2020 01:21:21 pm

Submitted by:

jitender saran

पॉलीथिन की थैलियों पर प्रतिबंध के बावजूद इनके चलन पर कोई असर नहीं पड़ा है। सस्ती उपलब्ध हो जाने से जिले भर में छोटे-मोटे व्यापारी और फल-सब्जी विक्रेता अब भी खाद्य सामग्री चक्रिय थैलियों में डालकर दे रहे हैं। चित्तौडग़ढ़ शहर में इन थैलियों की सप्लाई भीलवाड़ा और मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों से हो रही है।

ये यमदूत घोल रहा जहन में खतरनाक जहर, आप भी हो जाइए सावधान

ये यमदूत घोल रहा जहन में खतरनाक जहर, आप भी हो जाइए सावधान

चित्तौडग़ढ़
राज्य सरकार ने पॉलीथिन की थैलियों और प्लास्टिक कंटेनर्स में खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए १३ जनवरी २००५ को अधिसूचना जारी की थी और २० जनवरी २००५ से पुन: चक्रित पॉलीथिन की थैलियों व प्लास्टिक कंटेनर्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। यहां तक कि प्रतिबंधित सामग्री बेचते पकड़े जाने पर तीन माह के कारावास और एक हजार रुपए जुर्माने का भी प्रावधान किया गया था।
एक क्ंिवटल से ज्यादा थैलियां बरामद
नगर परिषद और जिला प्रशासन की ओर से वर्ष २००५ से लेकर अब तक डेढ दशक में की गई कार्रवाई में जिले में करीब सवा क्ंिवटल से ज्यादा पॉलीथिन की थैलियां जब्त की जा चुकी है, लेकिन इन पन्द्रह साल में जिला प्रशासन ने कभी भी यह प्रयास नहीं किया कि आखिर जिले में पॉलीथिन की सप्लाई कहां से हो रही है।
भीलवाड़ा-मध्यप्रदेश से सप्लाई
थोक व्यापारी ने बताया कि पुन: चक्रित पॉलीथिन की थैलियों की सप्लाई भीलवाड़ा से होती है। एक अन्य व्यापारी का कहना था कि मध्यप्रदेश से भी कुछ लोग पॉलीथिन की थैलियों की सप्लाई करते हैं।
कुरियर करते सप्लाई
शहर में फल व सब्जी विक्रेताओं का कहना था कि उनके यहां तो कुछ लोग साइकिल पर आते हैं और थैलियां बेचकर चले जाते हैं। शहर में ऐसे कुरियर थोक व्यापारियों के पनपाए हुए हैं, जो कमीशन के आधार पर पॉलीथिन की थैलियों की सप्लाई कर रहे हैं।
हर तरफ पॉलीथिन का जाल
शहर के नाले-नालियों से लेकर कचरे के ढेर में भी अधिकांश मात्रा पॉलीथिन थैलियों की नजर आ रही है। जो पशुओं के साथ ही पर्यावरण के लिए भी घातक बन रही हैं। इन थैलियों में सेल्यूलोज के बजाए सिंथेटिक प्लास्टिक होने से इन्हें मानव निर्मित दुष्चक्र की श्रेणी में माना जा रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो