अभी चित्तौडग़ढ़ जिला चिकित्सालय में दवा बैंक नहीं है लेकिन प्रयास रहेगा कि ये जल्द शुरू हो जाए। इससे जरूरतमंद रोगियों को बची हुई अन्य रोगियों की दवाओं का लाभ भी मिल सकेगा।
डॉ. दिनेश वैष्णव, प्रमुख चिकित्साधिकारी, चित्तौडग़ढ़ जिला चिकित्सालय
चित्तौड़गढ़Published: Sep 11, 2019 11:42:58 pm
Nilesh Kumar Kathed
जिंदगी बचाने के लिए पहले महंगी दवाएं खरीदी जाती है। स्वस्थ होने के बाद कई दवाएं बची रह जाती है। खुलने के बाद बची हुई दवाएं लेने से केमिस्ट इंकार कर देते है। ऐसे में महंगी दवाओं को भी कूड के ढेर में डालनेे के सिवाए कोई विकल्प नहीं बचता।
ऐसा क्या हो रहा जिससे कूड़े में जा रही करोड़ों की दवाएं