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चित्तौड़गढ़

शोभायात्रा में कहां पर झलके लोक संस्कृति व विरासत के रंग

विश्व विरासत में शुमार चित्तौड़ दुर्ग एवं यहां की गौरवमयी संस्कृति को दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर खास पहचान दिलाने के उद्देश्य जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग की ओर से तीन दिवसीय फोर्ट फेस्टिवल का आगाज सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मौली बंधन खोलकर किया।

चित्तौड़गढ़Feb 11, 2019 / 10:15 pm

Nilesh Kumar Kathed

chittorgarh

शोभायात्रा में कहां पर झलके लोक संस्कृति व विरासत के रंग



चित्तौडग़ढ़. विश्व विरासत में शुमार चित्तौड़ दुर्ग एवं यहां की गौरवमयी संस्कृति को दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर खास पहचान दिलाने के उद्देश्य जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग की ओर से तीन दिवसीय फोर्ट फेस्टिवल का आगाज सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मौली बंधन खोलकर किया।
जिला कलक्टर शिंवागी स्वर्णकार की पहल पर पहली बार आयोजित फोर्ट फेस्टिवल में जनप्रतिनिधियों का प्रशासनिक अधिकारियों ने उपरना व पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद अतिथियों ने हस्तशिल्प मेले का उदï्घाटन व कबड्डी के खिलाडिय़ों से परिचय लेने के बाद सीटी बजाकर मैच का शुभारंभ किया। रविवार को सुबह से ही शहरवासियों के गोराबादल में स्टेडियम में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल, विधायक चंद्रभानसिंह आक्या, पूर्व विधायक सुरेन्द्रङ्क्षसह जाड़ावत, सभापति सुशील शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर दीपेन्द्रङ्क्षसह राठौड़ सहित कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद थे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा, डिप्टी मोधोसिंह, शहर कोतवाल ओमप्रकाश सोलंकी सहित पुलिस जाप्ता मौजूद था। पद्मश्री महेश सोनी एवं एवरेस्ट पर्वतारोही दल के सदस्य रहे मगन बिस्सा एवं डॉ. सुषमा बिस्सा फोर्ट फेस्टिवल के उद्घाटन अवसर पर खासतौर से उपस्थित थे।
लुप्त होती संस्कृति की फिर दिखी झलक
स्टेडियम से शोभायात्रा निकाली गई, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए फतहप्रकाश महल पहुंच संपन्न हुई। शोभायात्रा में लुप्त होती संस्कृति की एक झलक शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई। वहीं कई शहरवासी पारंपरिक नृत्यों को देखकर गुजरे जमाने की यादें ताजा करते देखे गए। शोभायात्रा में नरसिम्हा वादक, ध्वज एवं छत्र धारक, हाथी, कच्छी घोड़ी कलाकार, बैंड-ऊंट, सहरिया स्वांग कलाकार, घोड़े, चकरी कलाकार, सैनिक बैंड, खुली जीपों में विदेशी पर्यटक, भवाई कलाकार, गवरी कलाकार, पारंपरिक वस्त्रों में पुरुष, पुलिस बैंड शामिल थे। दुर्ग की झांकी मय शहनाई वादक, विजय स्तंभ की झांकी, मेनाल मंदिर की झांकी, मीरा पन्ना की झांकी, वन विभाग की झांकी, तिरंगे गुब्बारे थामें बच्चे, सैनिक स्कूल बैंड और बाइकर ग्रुप भी शोभायात्रा में शरीक हुआ।
सरकार, प्रशासन और कानून ने की आसमान की सैर
तीन दिवसीय फोर्ट फेस्टिवल के पहले दिन गोराबादल स्टेडियम में हॉट एयर बैलून आकर्षण का केंद्र रहा। सहकारिता मंत्री आंजना, जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार, जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने एक साथ बैलून में बैठकर आसमां से शहर का नजारा देखा। पर्यटकों और शहरवासियों को हॉट एयर बेलुन में बिठाकर आसमान की सैर करने का मौका मिला। गोरा बादल स्टेडियम में बड़ी संख्या में पहुँचे लोगों ने बेलुन में बैठकर आसमान में उड़ान भरने की अपनी हसरत पूरी की। गोराबादल स्टेडियम में मंत्री व जिला प्रशासन ने विदेशी पर्यटकों का उपरना व मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया।
सेल्फी की रही होड़
गोराबादल स्टेडियम में फोर्ट फेस्टिवल में शामिल हुए विदेशी पर्यटकों के साथ युवक-युवतियों में सेल्फी लेने की होड़ लगी है।
विजय स्तंभ के नहीं खुले द्वार
दुर्ग स्थित विजय स्तंभ अपनी अलग ही पहचान रखता है। इसी वर्ष चार जनवरी को ७० दिन के लिए चौथी, पंाचवीं व छठीं मंजिल पर केमिकल वॉश के लिए इसे बंद किया गया था। फोर्ट फेस्टिवल का पहली बार आयोजन हो रहा है, लेकिन विजय स्तंभ बंद होने से पर्यटकों को निराशा हाथ लगी।
हस्तशिल्प मेला भी शुरू
गोरा बादल स्टेडियम में चितौडग़ढ़ फोर्ट फेस्टिवल के साथ रविवार को मेवाड़ उद्योग एवं हस्तशिल्प मेले का भी सहकारिता मंत्री आंजना ने फीता काटकर उदï्घाटन किया गया।

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