रोगियों व बंदियों की दाढ़ी-कटिंग बनाने के लिए रहता किसका इंतजार
-.नाखून काट देते स्वच्छता का संदेश, नि:शुल्क शैविंग व कटिंग- सैलून बंद रहने के दिन पहुंच जाते सेवा के लिए
रोगियों व बंदियों की दाढ़ी-कटिंग बनाने के लिए रहता किसका इंतजार
चित्तौडग़ढ़.सेवा के साथ स्वच्छता का संदेश फैलाने का जज्बा भी मन में है। इसी जज्बे के चलते चित्तौडग़ढ़ में एक सैलून संचालक हर मंगलवार को साप्ताहिक अवकाश रहने पर अस्पताल, जेल, मूक-बधिर स्कूल आदि में जाकर नि:शुल्क शैविंग व कटिंग करते है। कहीं भी कार्य करने पर सबसे पहले नाखून काट कर स्वच्छता का संदेश दिया जाता है। शहर के गांधीनगर सेक्टर-दो क्षेत्र में श्रीराम सैलून नाम की दुकान चलाने वाले पंकज सेन इसलिए चर्चा में है कि वो मंगलवार को अवकाश रहने पर अन्य सैलून संचालकों से कुछ अलग समय बिताते है। इस दिन वो जिला चिकित्सालय, जिला कारागृह या मूक बधिर स्कूल कहीं भी पहुंच जाते है। रोगियों, बंदियों या मूक-बधिर बच्चों को नि:शुल्क कटिंग व शेविंग करते है। पंकज के अनुसार सबसे पहले वो नाखून काटते है क्योंकि बढ़े नाखून ही गदंगी के प्रतीक है उनमें जमा मैल बीमारियों का कारण भी बनता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित पंकज स्वच्छता का संदेश भी हर जगह देते है। बिना पैसे लिए दाढ़ी, कटिंग करने से जेल में बंदियों को उनका इंतजार रहता है तो अस्पताल में भी वो जाते है तो वार्ड में ही भर्ती रोगियों की सेवा में लग जाते है। मूक बधिर स्कूल के बच्चों के मध्य भी नियमित अन्तराल पर जाने वाले पंकज के साथ दीपक सेन भी सेवाएं देते है। पंकज के अनुसार मूक बधिर बच्चों की सेवा में जो सुुख मिलता है वो कहीं भी नहीं मिल सकता। पंकज की अनुकरणीय सेवाओं को देख उनका वर्ष २०१८ में जिला प्रशासन स्वाधीनता दिवस समारोह में सम्मान भी कर चुका है।
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