एक समय था जब लोगों की सोच थी कि बेटा ही कुल का नाम रोशन कर सकता है, लेकिन वक्त के साथ सोच में भी काफी बदलाव आया है। यही कारण है कि खेलकूद हो या प्रतियोगी परीक्षाएं बेटियां-बेटों से आगे निकलकर मां-बाप सहित क्षेत्र का नाम रोशन कर रही है।
चुरू•Oct 15, 2021 / 09:21 am•
Madhusudan Sharma
सरदारशहर में 1 हजार बेटों पर 1008 बेटियां
मनीष मिश्रा
चूरू. एक समय था जब लोगों की सोच थी कि बेटा ही कुल का नाम रोशन कर सकता है, लेकिन वक्त के साथ सोच में भी काफी बदलाव आया है। यही कारण है कि खेलकूद हो या प्रतियोगी परीक्षाएं बेटियां-बेटों से आगे निकलकर मां-बाप सहित क्षेत्र का नाम रोशन कर रही है। ऐसा अक्सर होता है कि किसी बड़े समारोह में बेटियों की उपलब्धियों की वजह से जिले को पहचाना जाता है। सीबीएसई, माशिबो के परीक्षा परिणाम हो या फिर यूपीएससी, आरपीएससी की विभिन्न भर्तियां हो बेटियों ने सफलता के झंड़े गाड़े हैं। सेना में ताकत दिखानी हो या जल व आकाश या अंतरिक्ष की बात करें तो बेटियां बेटों से कम नहीं है। यहां तक की सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए बेटियां अर्थियों को कंधा व मुखाग्नि भी दे रही हैं। 2011 में जिले का लिंगानुपात 902 था जो दस वर्ष बाद बढ़कर 953 पर पहुंच गया है।
2012-13 में लिंगानुपात था 899
जिले के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2012-13 में जिले में लिंगानुपात 899 था जो कि वर्ष2020-21 में बढ़कर 953 पर पहुंच गया है।यानि की एक हजार बच्चों पर जिले में 953 बेटियों का जन्म हुआ है। जबकि वर्ष 2020-21 में राज्य का लिंगानुपात 951 है। बेटी जन्म की जिले में यह संख्या सुखद कही जा सकती है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की मानें तो वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले का लिंगानुपात 902 था, जो किबेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लागू होने के समय वर्ष 2014-15 में 953 रिकॉर्ड किया गया था। विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2013 में 899, वर्ष 2014 में 942, वर्ष 2015 में 935, वर्ष 2016 में 951, वर्ष 2017 में 959, वर्ष2018 में 979, वर्ष 2019 में 989, वर्ष 2020 में 958 व इस वर्ष अभी तक 953 दर्ज किया गया है। बेटी जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अभिभावकों को बधाई संदेश भी भेजे हैं, इसके अलावा मातृ शिशु किट का वितरण भी किया गया।
जिले में सरदारशहर में अधिक जन्मी बेटियां
चूरू जिले की बात करें तो अप्रेल 2020 से मार्च 2021 तक सर्वाधिक लिंगानुपात में सुधार सरदारशहर उपखंड में हुआ है। यहां एक हजार बेटों पर कुल 1008 बेटियों का जन्म हुआ है, जो कि समाज की बदलती हुईसोच को दर्शाता है। दूसरे नम्बर पर सुजानगढ़ में 978, चूरू व राजगढ़ में 938-938, रतनगढ़ में 920 व तारानगर में 888 रहा है।जो कि एक अच्छा संकेत कहा जा सकता है।
इनका कहना है
सरकार की ओर से जागरूकता के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, इसका परिणाम है कि जिले के लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ है। इस वर्ष एक हजार बेटों पर 953 बेटियों का जन्म हुआ है, जो कि काफी बेहतर स्थिति है। प्रदेश का इस वर्ष लिंगानुपात 951 है।
संजय कुमार, सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग चूरू।