पहले भी दो बार लिए जा चुके हैं आवेदन
तबादलों को लेकर तृतीय श्रेणी शिक्षकों से पहले भी दो बार ऑनलाइन आवेदन लिए का चुके हैं। अन्य संवर्गों के तबादले तो हो गए, लेकिन इस वर्ग के शिक्षकों के आवेदन फाइलों में ही दब गए। अब अगले वर्ष चुनाव हैं, तो उन्हें आस है कि उनके जन प्रतिनिधि उन्हें अपने गृह जिले में लाने के लिए सरकार पर दबाव बनाकर राहत दिलाएंगे। अगर ऐसा नहीं होता है, तो आगामी चुनावों में जन प्रतिनिधियों को लाखों तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
कैबिनेट की बैठक पर निगाहें
तृतीय श्रेणी शिक्षकों की निगाहें अब 6 जुलाई की शाम होने वाली कैबिनेट की बैठक पर टिकी हुई हैं। शिक्षकों को उम्मीद है कि कैबिनेट की बैठक में उनके तबादलों के बारे में कोई निर्णय जरूर लिया जाएगा, ताकि दूरस्थ बैठे शिक्षकों की वर्षों से गृह जिलों में आने की मुराद पूरी हो सके।