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चुरू

व्यापारी और किसानों ने जताया रोष

अनाज तौल में गड़बड़ी मामले के बाद कृषि उपज मंडी की ओर से जारी आदेशों से नाराज व्यापारियों ने भी अनाज तौलने से इंकार कर रोष जताया।

चुरूOct 23, 2020 / 09:00 am

Madhusudan Sharma

व्यापारी और किसानों ने जताया रोष

व्यापारी और किसानों ने जताया रोष

सादुलपुर. अनाज तौल में गड़बड़ी मामले के बाद कृषि उपज मंडी की ओर से जारी आदेशों से नाराज व्यापारियों ने भी अनाज तौलने से इंकार कर रोष जताया। ऐसे में शुक्रवार को मंडी प्रांगण में अजीबोगरीब हालत बनी रही। वहीं किसानों ने भी रोष जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कई व्यापारियों ने बोली लगाकर अनाज नहीं खरीदा। इसके चलते दिनभर किसानों को परेशानी उठानी पड़ी। कृषि उपज मंडी में सचिव ने जारी आदेश में बताया था कि कृषि उपज की तुलाई करते समय सर्वप्रथम खाली बारदाने का वजन कर बराबर निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ही कृषि उपज की तुलाई करें। इसके उपरांत किसान से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं करें। किसी भी अनुज्ञा-पत्र धारी द्वारा अवैध कटौती करते हुए पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद गुरुवार को व्यापारियों ने नाराजगी जताते हुए किसानों से अनाज की खरीदारी नहीं की। किसान नेता जगतसिंह ने बताया कि किसानों की फसल खरीद में व्यापारियों की ओर से मनमर्जी की जा रही है। किसानों की फसल तुलाई में कट्टे का वजन साढ़े सात सौ ग्राम काट रहे हैं, जबकि इतना वजन कट्टे का नहीं है। प्रति कट्टा दो सौ ग्राम अलग से भी मूंग का वजन काट रहे हैं। वहीं कई किसानों ने बताया कि कृषि उपज मंडी में अपना अनाज बेचने आते हैं। सामने खड़े होकर अनाज तुलवाते हैं। पर, अनाज के कट्टे को 50 किलो दो सौ ग्राम तौलकर 50 किलो के ही पैसे दिए जाते हैं। विरोध में जवाब मिलता है कि यह कच्चा तौल है।
फिर उसी कट्टे को पुन

तोलकर 50 किलो का लिखकर पक्का तौल मान लिया जाता है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज मंडी में स्थित दुकानों के सामने दस फीट की जगह उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में अनाज की ढेरी लगाकर अनाज खरीदना संभव नहीं है। जबकि व्यापारियों को मंडी की ओर से पर्याप्त जगह देनी चाहिए, ताकि किसानों के अनाज की ढेरी लग सके।
किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन
व्यापारियों की ओर से अनाज लेने से मना करने के बाद किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाज कर रोष जताया। किसानों ने बोली लगाकर अनाज खरीदने की मांग की तथा मंडी सचिव से वार्ता भी की। इस अवसर पर रणसिंह, भगत सिंह, रामसिंह सहारण, हरीराम, रामनिवास, देवकरण, बनवारीलाल मूड आदि ने मंडी सचिव से वार्ता कर किसानों का बोली लगाकर अनाज खरीदने की मांग की है।
व्यापारियों की जुबानी
युवा व्यवसायी राजेश बैरासरिया का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए लाए गए बिलों पर राज्य सरकार मोहर नहीं लगा रही है। इसके चलते किसान सड़कों पर आ गया है। राजस्थान सरकार 2.6 प्रतिशत मंडी टैक्स माफ कर दे तो किसानों का अनाज दो सौ रुपए क्विंटल अधिक भाव से बिकेगा।


& नीलामी कर अनाज खरीदने की व्यवस्था का पहला दिन है। कुछ व्यापारी नहीं समझ पा रहे है। कुछ किसान समझ नहीं पा रहे हैं। इसके चलते व्यवस्थाओं में थोड़ी गड़बड़ी हुई है। सुधार में थोड़ा समय लगेगा।
कमल कुमार सोनी, मंडी सचिव, कृषि उपज मंडी सादुलपुर

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