तोलकर 50 किलो का लिखकर पक्का तौल मान लिया जाता है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज मंडी में स्थित दुकानों के सामने दस फीट की जगह उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में अनाज की ढेरी लगाकर अनाज खरीदना संभव नहीं है। जबकि व्यापारियों को मंडी की ओर से पर्याप्त जगह देनी चाहिए, ताकि किसानों के अनाज की ढेरी लग सके।
किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन
व्यापारियों की ओर से अनाज लेने से मना करने के बाद किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाज कर रोष जताया। किसानों ने बोली लगाकर अनाज खरीदने की मांग की तथा मंडी सचिव से वार्ता भी की। इस अवसर पर रणसिंह, भगत सिंह, रामसिंह सहारण, हरीराम, रामनिवास, देवकरण, बनवारीलाल मूड आदि ने मंडी सचिव से वार्ता कर किसानों का बोली लगाकर अनाज खरीदने की मांग की है।
व्यापारियों की जुबानी
युवा व्यवसायी राजेश बैरासरिया का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए लाए गए बिलों पर राज्य सरकार मोहर नहीं लगा रही है। इसके चलते किसान सड़कों पर आ गया है। राजस्थान सरकार 2.6 प्रतिशत मंडी टैक्स माफ कर दे तो किसानों का अनाज दो सौ रुपए क्विंटल अधिक भाव से बिकेगा।
& नीलामी कर अनाज खरीदने की व्यवस्था का पहला दिन है। कुछ व्यापारी नहीं समझ पा रहे है। कुछ किसान समझ नहीं पा रहे हैं। इसके चलते व्यवस्थाओं में थोड़ी गड़बड़ी हुई है। सुधार में थोड़ा समय लगेगा।
कमल कुमार सोनी, मंडी सचिव, कृषि उपज मंडी सादुलपुर