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चुरू

उच्च प्राथमिक तक के बच्चों को अब अंक ज्ञान में बनाएंगे निपुण

प्राथमिक कक्षा तक पढऩे वाले प्रत्येक बच्चे को अब गणित में निपुण बनाया जाएगा। यूं भी कहा जा सकता है कि बच्चे अब खेल-खेल में आधारभूत साक्षरता एवं संख्या का ज्ञान सीखेंगे।

चुरूJan 23, 2022 / 04:21 pm

Madhusudan Sharma

उच्च प्राथमिक तक के बच्चों को अब अंक ज्ञान में बनाएंगे निपुण

उच्च प्राथमिक तक के बच्चों को अब अंक ज्ञान में बनाएंगे निपुण

मधुसूदन शर्मा
चूरू. प्राथमिक कक्षा तक पढऩे वाले प्रत्येक बच्चे को अब गणित में निपुण बनाया जाएगा। यूं भी कहा जा सकता है कि बच्चे अब खेल-खेल में आधारभूत साक्षरता एवं संख्या का ज्ञान सीखेंगे। इसके लिए प्रदेश के सैंकड़ों शिक्षकों को प्रशिक्षित कर उन्हें भी इसके लिए दक्ष बनाया जाएगा। चूरू जिले के लेवल-1 के 2 हजार 339 शिक्षक व प्रबोधकों को बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ऐसा संभव होगा नई शिक्षा नीति के तहत। शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि वर्ष 2026-27 तक हर बच्चा कक्षा पांचवीं तक पढ़ाई लिखाई और अंकों के ज्ञान में निपुणता हासिल कर सके। इस संबंध में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने आदेश जारी कर दिए। आदेश के मुताबिक प्रदेश में हाल ही में नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिसिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमरैसी, निपुण कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम को लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस योजना के तहत प्रशिक्षित शिक्षक ही इन बच्चों को ज्ञान देंगे। निपुण भारत मिशन का उद्देश्य शिक्षा के साथ साक्षरता और संख्या ज्ञान के लिए बच्चों को एक सुलभ वातावरण प्रदान करना है, ताकि वर्ष 2026-27 तक हर बच्चा कक्षा तीन तक पढ़ाई लिखाई और अंकों के ज्ञान में जरूरी निपुणता हासिल कर सके। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से मूर्तरूप प्रदान किया जाएगा। 5106
फैक्ट फाइल पर एक नजर
– ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण 1.0 में 55 व्याख्यता व संस्था प्रधानों को प्रशिक्षित किया गया।
– ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण 2.0 में 1735 माध्यमिक शिक्षा अन्तर्गत वरिष्ठ अध्यापक व संस्था प्रधान को प्रशिक्षण दिया।
– ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण 3.0 में 3316 पूर्व प्राथमिक व प्राथमिक शिक्षकों, संस्था प्रधान को प्रशिक्षण दिया।
कार्यक्रम का इस तरह किया विभाजन
बच्चे के दिमाग का 85 प्रतिशत हिस्सा 6 र्ष की उम्र से पहले विकसित हो जाता है। निपुण भारत के तहत आधारभूत शिक्षा के लिए सीखने के परिणामों को 3 विकास लक्ष्यों में विभाजित किया है। स्वास्थ्य और कल्याण (एचडब्लू), प्रभावी संवाद (इसी) और सहभागी शिक्षार्थी (आइएल)। इसमें ग्रेड 2 तक 45 से 60 वड्र्स प्रति मिनट रीडिंग, ग्रेड 3 में 60 वड्र्स प्रति मिनट रीडिंग व न्यूमेरेसी में ग्रेड 1 से 100 तक, ग्रेड 2 में 999 तक एवं ग्रेड 3 में 9999 तक नम्बर्स पढऩा और लिखना सिखाया जाएगा।
मेंटर नामित करने वालों में यह हो योग्यता
प्रत्येक स्कूल में दो-दो नामित मेंटर तैयार किए जाएंगे। नामित मेंटर में भाषा शिक्षण एवं साक्षरता की समझ हो, संख्या ज्ञान एवं गणित की समझ रखने वाला हो, नामित व्यक्ति विद्यालय क्षेत्र से हो, कक्षा में नवाचार पर कार्य करने व अपनाने वाला हो। शिक्षकों के साथ शैक्षिक संवाद स्थापित करने वाला हो।

मिशन का संचालन किया
विद्यार्थी में पढऩे-लिखने एवं सामान्य अंक गणित की दक्षता विकसित हो सके इसके लिए एफएलएन को मिशन के रूप में संचालित किया जाएगा। इस दौरान बच्चों के लिए रोमांचक पाठ्यवचर्या फ्रेमवर्क बच्चों को अपनी और आकर्षित करने वाली अधिगम सामग्री – ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मेड में, शिक्षण परिणाम, अध्यापक क्षमता निर्माण और उनके मापन सूचकांक, मूल्यांकन विधि आदि को तैयार किया रूप जाएगा, ताकि इन्हें चरणबद्ध से आगे बढ़ाया जा सके।
तीन तरह से दिया प्रशिक्षण, विद्यार्थियों के बनाए तीन समूह
इस कार्यक्रम के तहत शिक्षकों की तीन कैटगरी बनाई गई। जिन्हे ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण 1.0, 2.0 और 3.0 में विभाजित कर इन्हे प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कुछ का प्रशिक्षण जारी है। इसी प्रकार बच्चों को भी तीन श्रेणी में विभाजित किया है। इसमें बाल वाटिका से लेकर कक्षा दो तक, कक्षा तीन से पांच तक, कक्षा छह से आठ तक तीन समूह बनाए हैं।
इनका कहना है
पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में बाल वाटिका तथा प्राथमिक कक्षाओं में बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान का कार्यक्रम प्रभावी तरीके से शुरू कर दिया गया है। बच्चों को इसका बेहतर लाभ मिलेगा।
आरिफ खान, कार्यक्रम अधिकारी, समग्र शिक्षा, चूरू

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