उसके बाद मौजूदा कलक्टर संदेश नायक को करीब दस महीने का समय हो चुका है, वे एक बार भी बेटी से नहीं मिले। इस बीच होली जैसा बड़ा त्योहार भी निकल गया। पांच दिन बाद दिवाली है, अभी तक कलक्टर का बेटी के पास कोई फोन भी नहीं आया है। हालांकि 13 साल की लक्ष्मी को उम्मीद है कि इस दीपावली वे अपनी बेटी से मिलने के लिए जरूर आएंगे।
सरदारशहर में कर रही है पढ़ाई
लक्ष्मी वर्तमान में सरदारशहर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अंजुमन में नवीं कक्षा में पढ़ रही है। सरदारशहर में ही छात्रावास में रह रही है। छुट्टियों के मौके पर वो चूरू के बालिका आश्रय गृह में रहने आती है। दीवाली की छुट्टियां होने के कारण वो अब चूरू के बालिका के आश्रय गृह में रह रही है।बेटी लक्ष्मी ने बताया कि बालिका आश्रय गृह में कर्मचारी उसका पूरा ध्यान रखते हैं। वार-त्योहार उसे उपहार व कपड़े भी देते हैं। समय-समय पर सरदारशहर मिलने के लिए आते हैं।
कलक्टर गुप्ता रखते थे ख्याल
लक्ष्मी ने बताया कि उसे गोद लेने वाले कलक्टर पिता ललित गुप्ता उसका काफी ख्याल रखते थे। होली, दीवाली उसे मिठाई व नए कपड़े दिलाते थे। सप्ताह में एक बार गाड़ी भेजकर घर बुलाते थे। इसके बाद में कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल भी एक बार उससे मिलने बालिका आश्रय गृह आए। कुछ दिन पहले ही कलक्टर गुप्ता की पत्नी ने फोन कर उसके हालचाल पूछे थे।
कलक्टर को नहीं बेटी की जानकारी
मजे की बात है कि कलक्टर को इस बेटी की जानकारी भी नहीं है। राजस्थान पत्रिका ने इस मामले में कलक्टर संदेश नायक से बातचीत की, तो उन्होंने कहा मुझे गोद ली हुई बेटी के बारे में जानकारी नहीं है। अब आपने बताया है, बेटी से
जरूर मिलूंगा।