सरदारशहर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार शनिवार को न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें दो बैंच का गठन किया गया। प्रथम बैच के अध्यक्ष अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रियंकर सिहाग एवं सदस्य अधिवक्ता कुंदनसिंह, श्रवणसिंह राठौड़ थे। इस बैंच में न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से लोक अदालत को रेफर किए गए 176 प्रकरणों में से 50 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामे के जरिए किया गया। इनमें चेक अनादरण के 16 प्रकरण थे। इस मौके पर 22 लाख 96 हजार 46 0 रूपये के अवार्ड पारित किए गए। इसके अलावा प्रीलिटिगेशन के 40 प्रकरणों में से 11 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामे के जरिए किया गया। जिसमें दो लाख 73 हजार 094 रुपए की वसूली की गई।
दूसरी बेंच के अध्यक्ष न्यायिक मजिस्ट्रेट रामपाल व सदस्य अधिवक्ता दिलीपसिंह पंवार व मुकनाराम सारण थे। इस बैंच की ओर से लंबित प्रकरणों में से रेफर किए गए 205 प्रकरणों में से 28 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामे के जरिए किया गया। जिनमें 9 प्रकरण चेक अनादरण के थे। जिसमें आठ लाख 57 हजार 8 00 रूपये के अवार्ड पारित किए।
सादुलपुर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चूरू के निर्देशानुसार सादुलपुर न्याय क्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया तथा चार बैंचों का गठन किया गया। जिसमें पहली बैेंच में आशीष दाधीच एडीजे प्रथम तथा एडवोकेट राकेश पूनिया व प्रीतम शर्मा, बैंच दो में नीलम शर्मा एडीजे द्वितीय, एडवोकेट बलवीरसिंह जांगिड़ तथा सुभाश सहारण तथा बैैच नंबर तीन में विजेन्द्र कुमार एसीजेए तथा एडवोकेट मनोज पचार तथा सत्यवान तक्षक तथा बैंच चार में अनिल पारवानी न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा एडवोकेट उम्मेद पूनिया तथा भगवान गिर शामिल थे।
लोक अदालत में न्यायालय एडीजे कोर्ट संख्या प्रथम व द्वितीय, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालतो में लंबित प्रकरणो में दांडिक सम्मनीय के 106 , व्यावहारिक प्रकरण 38 , अन्य सिविल मामले 30 व एमएसीटी के 37 प्रकरणों का निस्तारण कर एक करोड़, 45 लाख, 13 हजार 28 7 रूपए का अवार्ड पारित किया गया तथा चैक अनादरण के 28 मामलों का निस्तारण कर 49 लाख 44 हजार तीन सौ रुपए अवॉर्ड पारित किया गया। इसके अलावा प्री लिटिगेशन मामलों का भी निस्तारण किया गया। लोक अदालत में एडवोकेट अनूप सुरोलिया, जितेन्द्र सहारण, चरणंिसंह पूनिया, वीरेन्द्र पूनिया, महेन्द्रसिंह, भंवरसिंह पूनिया आदि उपस्थित रहे।