scriptकोरोना : नए सीएमएचओ का सच्चाई से सामना,हकीकत छिपाई | Corona: Confronting the new CMHO truth, hid the reality | Patrika News
चुरू

कोरोना : नए सीएमएचओ का सच्चाई से सामना,हकीकत छिपाई

जिले में कोविड का कहर बेकाबू है। आलम यह है कि मई से लेकर अगस्त माह तक जहां कोविड संक्रमण के चलते इक्का-दुक्का मौतों की खबर ही चूरू जिले के विभिन्न इलाकों से आती थी, वहीं अब पिछले 42 दिनों में 31 मौतों ने चूरू को हिला दिया है।

चुरूOct 23, 2020 / 10:01 am

Madhusudan Sharma

कोरोना : नए सीएमएचओ का सच्चाई से सामना,हकीकत छिपाई

कोरोना : नए सीएमएचओ का सच्चाई से सामना,हकीकत छिपाई

चूरू. जिले में कोविड का कहर बेकाबू है। आलम यह है कि मई से लेकर अगस्त माह तक जहां कोविड संक्रमण के चलते इक्का-दुक्का मौतों की खबर ही चूरू जिले के विभिन्न इलाकों से आती थी, वहीं अब पिछले 42 दिनों में 31 मौतों ने चूरू को हिला दिया है। लगभग हर डेढ़ दिन में औसतन एक शख्स की जान कोविड के चलते जा रही है। दूसरी ओर प्रशासनिक इंतजामों का हाल यह है कि मौत के आंकड़ों को लेकर ही प्रशासनिक अमले में गफलत नजर आ रही है। स्वास्थ्य विभाग से जारी आंकड़ों में जहां मृतक आंकड़ा 40 के आसपास बताया जा रहा है, वहीं असलियत में जिले के 50 से भी ज्यादा लोग कोरोना से जान गंवा चुके।
आंकड़़ों में गड़बड़ी क्यों
अगस्त के शुरुआती माह तक चूरू में लगभग 20 रोगी कोविड संक्रमण के चलते जान गंवा चुके थे। अगस्त के अंतिम दिनों में आंकड़ा बढऩा शुरू हुआ और सितंबर में तो इसने सारे रेकॉर्ड ही तोड़ दिए। लगभग 23 लोग सितंबर में कोविड के चलते दम तोड़ गए। विभाग के आंकड़ों की मानें तो अगस्त में यह संख्या 5 थीं, जबकि जुलाई में 2, मई में 1, जून में एक शख्स की जान कोविड के चलते गई थी। इसके अलावा अक्टूबर के महीने में भी 10 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
कागजी हेरफेर में महकमे की रणनीति!
सूत्रों की मानें तो नए सीएमएचओ के आने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। हालांकि यह बदलाव इंतजामों के मद में न होकर आंकड़ों के हेराफेरी पर ही केंद्रित हो गया। दरअसल, तरीका यह अपनाया गया कि जिन लोगों की मौतें चूरू जिले से बाहर हुई थीं। उन्हें विभाग ने अपने आंकड़ों की लिस्ट से हटा दिया, जबकि पहले यही मौतें स्वास्थ विभाग के दस्तावेजोंं में दर्ज थीं।
कोविड बदल रहा चाल, जान के पडऩे लगे लाले
कोविड का इलाज कर रहे चिकित्सकों की मानें तो पिछले करीब 40-45 दिन से ऐसा ट्रेंड देखने में आ रहा है जो निश्चित तौर पर बेहद चिंताजनक है। दरअसल अब कोविड ने जो अपनी चाल बदली है, वह मरीजों की सेहत पर ही नहीं, बल्कि उनकी जान पर भी भारी पड़ती नजर आ रही है। दरअसल इन दिनों लक्षणों के साथ भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तो बढ़ी ही है, साथ ही अब इनमें से अघिकतर को फेफड़ों में संक्रमण अथवा श्वसन संबंधी दिक्कतों के आने के बाद भर्ती कराया गया था।
क्या कहते हैं चिकित्सक
मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर और कोविड मरीजों के इलाज में जुटे डॉ. दीपक चौधरी की मानें तो निश्चित ही पिछले 45-50 दिन बेहद चुनौतीपूर्ण रहे हैं। लोगों को चाहिए कि लक्षणों के साथ पॉजिटिव और हाई रिस्क जोन में हैं। वह खुद ही पहल कर अपनी सेहत का संज्ञान लें। क्वॉरंटीन होने के बावजूद अगर उन्हें समस्या आती है तो तुरंत हॉस्पिटल में दाखिला लें। ़मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर एफ.एच. गौरी का कहना है कि जैसे-जैसे तापमान गिरेगा रिस्क फैक्टर बढ़ता जाएगा। लिहाजा सावधानी बरतें और मास्क तथा सामुदायिक दूरी जैसे आवश्यक उपायों का कड़ाई से पालन करें। भले ही वे बाहर हों अथवा घर में।
जिम्मेदार काट रहे कन्नी
कोविड के बढ़ते मामलों की बात हो अथवा दिन प्रतिदिन के कोविड अपडेट की। इस बारे में पूछे जाने पर वर्तमान सीएमएचओ डॉ मनमोहन गुप्ता यह कहते हुए फ ोन काट देते हैं कि सारी जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को मुहैया करा दी गई है। आप वहीं से ले लें।

कोरोना से तीन रोगियों की मौत
चूरू. जिले में कोविड का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटे के दौरान राजगढ़ के दंपती समेत तीन लोगों ने कोविड के चलते जान गंवा दी। इन्हें मिलाकर अब तक 52 लोगों की मृत्यु हो गई है।
सादुलपुर. तहसील क्षेत्र में जहां शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं शहर के वार्ड आठ में एक कोरोना पॉजिटिव रोगी व्यक्ति की मौत हो गई। शहर में कोरोना से य7वीं मौत है। मथुरा निवासी वृद्ध का 15 अक्टूबर को सैंपल लिया गया था। 16 अक्टूबर को जांच पॉजिटिव आई। ऐसे में चूरू अस्पातल में भर्ती करवा दिया गया। 21 अक्टूबर की शाम भरतिया अस्पताल चूरू से उसको जयपुर रैफर किया गया था, लेकिन सीकर के आस-पास जयपुर पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।

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