scriptअच्छी खबर : जनवरी से दौड़ेंगी पटरियों पर इलेक्ट्रिक रेलगाडिय़ां | Good news: Electric trains will run on the tracks from January | Patrika News
चुरू

अच्छी खबर : जनवरी से दौड़ेंगी पटरियों पर इलेक्ट्रिक रेलगाडिय़ां

थळी – अंचल के लिए अच्छी खबर ये है कि अब जल्द ही जिले की रेल पटरियों पर बिजली से चलने वाली रेलगाडिय़ां दौडऩे लगेंगी।

चुरूJul 06, 2021 / 09:45 am

Madhusudan Sharma

अच्छी खबर : जनवरी से दौड़ेंगी पटरियों पर इलेक्ट्रिक रेलगाडिय़ां

अच्छी खबर : जनवरी से दौड़ेंगी पटरियों पर इलेक्ट्रिक रेलगाडिय़ां

चूरू. थळी – अंचल के लिए अच्छी खबर ये है कि अब जल्द ही जिले की रेल पटरियों पर बिजली से चलने वाली रेलगाडिय़ां दौडऩे लगेंगी। अगर सब कुछ ठीक रहा तो सितंबर तक चूरू से रतनगढ़, राजलदेसर के रेलवे स्टेशन तक व दिसबंर के अंत तक सरदारशहर व बीकानेर रेलमार्ग तक करीब 700 करोड़ की सीआरएस परियोजना के तहत बिजली की लाइनें बिछ जाएंगी। विभाग का दावा है कि नए साल में बीकानेर-दिल्ली मार्ग पर बिजली की रेलगाडिय़ां दौडऩे लग जाएंगी। इस मामले को लेकर विभाग के टीआरडी प्रकाश बिश्रोई ने बताया कि बिजली की लाइनें बिछाने का कार्य प्रगति पर है। कोविड के चलते थोड़ी देरी हुई है। परियोजना में सितबंर तक राजलदेसर व दिसंबर तक बीकानेर – सरदारशहर को जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग का प्रयास है कि जनवरी 2022 में दिल्ली-बीकानेर रूट पर बिजली की ट्रेंने चलें। उन्होंने बताया कि बिजली की रेलगाडिय़ां शुरू होते ही लोगों का समय बचेगा। इस रूट के सभी रेलवे स्टेशन देश के हर हिस्से से जुड़ जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके चलते ट्रेनों को चलाने की लागत अब करीब 60 प्रतिशत घट जाएगी।
समय बचेगा, पर्यावरण सुधरेगा, डीजल पर निर्भता घटेगी
जानकारी के मुताबिक डीजल से चलने वाली ट्रेंनों की स्पीड फिलहाल 110 किमी प्रति घंटा है। एक बार स्टेशन पर ठहराव के बाद इन्हें स्टार्टअप लेने में समय लगता है। जबकि इलेक्ट्रिक इंजन को स्टेशन पर ठहराव के बाद स्टार्टअप में समय नहीं लगता, ये तुरंत पिकअप लेता है, जिससे समय की बचत होती है। वहीं इनकी स्पीड भी डीजल इंजन के मुकाबले अधिक होती है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक पैट्रोलियम पदार्थों पर से निर्भरता कम करने के लिए सरकार अब प्रमुख रेल मार्गों का विद्युतीकरण करवाने में लगी है। इसका क्षेत्र को सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि यहां के पर्यावरण की दशा में काफी सुधार होगा। अगर समय की बात करें तो चूरू से बीकानेर की दूरी 180 किमी है,जबकि सरदारशहर 95 व रतनगढ़ 43 किमी दूर है। जिसमेें चूरू से रतनगढ़ जाने में 45 मिनिट, बीकानेर जाने में करीब साढे चार घंटे लगते हैं व सरदारशहर के लिए 2 घंटे का समय लगता है। अब ये समय काफी हद तक घट जाएगा। रेल कनेक्टिविटी के मामले में चूरू जिला हमेशा से पिछड़ा रहा है, जबकि इस क्षेत्र के लोग देश के हर राज्य में व्याापार के लिए गए हुए हैं। अब इस परियोजना के पूरा होते ही बिजली की रेलगाडिय़ां चलने से जनपद के लोगों के लिए सफर आसान हो जाएगा। वहीं नए रूटों के लिए कई नई रेलगाडिय़ां चलेगी तो देश हर हिस्से से जिले के कई स्टेशन जुडï़ जाएंगे। इधर, आरपीएफ चौकी प्रभारी सरदारसिंह ने बताया कि बिजली की इन लाइनों में 25 केवी का करंट रहता है, 2 फीट की दूरी से ही संपर्क में आने पर कंरट लगने का खतरा रहता है। इसके लिए हर 10 फीट की दूरी पर चेतावनी के बोर्ड लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अब डिब्बों के उपर बैठकर सफर करना खतरे से खाली नहीं होगा।

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