राजस्थान रोडवेज बसों के बिगड़े एवरेज को सुधारने के लिए अब नई कवायद शुरू की गई है। इसके लिए बसों में व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगाया गया है।
चुरू•Oct 22, 2020 / 07:27 am•
Madhusudan Sharma
सुधरेगा रोडवेज बसों का बिगड़ा एवरेज
चूरू. राजस्थान रोडवेज बसों के बिगड़े एवरेज को सुधारने के लिए अब नई कवायद शुरू की गई है। इसके लिए बसों में व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगाया गया है। अब मुख्यालय पर बैठे हुए अधिकारी आसानी से बसों की निगरानी रख सकेंगे। इसका उद्देश्य बसें बेवजह रूटों पर नहीं जाने के साथ ही बढ़ते डीजल के दामों की वजह से एवरेज को सुधारना बताया जा रहा है। जानकारों की मानें तो लॉकडाउन के दौरान रोडवेज के पहिए थमे रहे। अभी तक घाटे की पूरी तरह से भरपाई नहीं हो रही है। ऐसे में सिस्टम से घाटे को पूरा करने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए रोडवेज की बसों में व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगा दिए गए हैं। अब बस के चलने से कहां-कहां पर ठहरी है, इसकी पूरी जानकारी उच्चाधिकारियों को रहेगी।
इस तरह काम करेगा सिस्टम
यह एक तरह की डिवाइस है, जिसे गाड़ी में स्टोर किया गया है। पॉसवर्ड के जरिए जिला मुख्यालय पर बैठे हुए अधिकारी भी कार्यालय में बैठे हुए बसों के बारे में पूरी जानकारी रख सकेंगे। प्रबंधक संचालक भी इसकी पूरी मॉनिटरिंग करेंगे।
सर्वर से कनेक्शन
चूरू आगार में मुख्यालय ने ऐसी 16 बसें भेजी है। नई व्यवस्था के शुरू होने से ओवरलोड स्पीड के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। इसका कनेक्शन सर्वर से किया गया है। मोबाइल के माध्यम से इसे जोड़ा जाएगा। नई व्यवस्था से आगार प्रबंधक को बसों की निगरानी रखने में आसानी होगी। अधिकारियों की मानें तो कुछ दिन पहले निगम के अध्यक्ष व प्रबंधक की ओर से एवरेज सुधार व खर्चों में कमी लाने के लिए यांत्रिकी संवर्ग की बैठक बुलाई थी। इसमें कोरोना के दौरान हुए घाटे की भरपाई के लिए सुझाव सामने आए थे।
इनका कहना है
आगार को मुख्यालय की ओर से व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगी 16 बसें भेजी गई है। इस सिस्टम के जरिए बसों के रवाना होने से लेकर ठहराव की पूरी जानकारी मिल सकेगी। इससे डीजल की खपत भी कम होगी।
दिलदार सिंह, आगार प्रबंधक चूरू।