एडवोकेट बुद्धिप्रकाश प्रजापत ने कहा कि राजनेता कभी भी देश की अखंडता, सुरक्षा व्यवस्था की गोपनीयता पर सवाल न उठाएं। एडवोकेट भंवरलाल शर्मा ने कहा कि राजनीतिक सुधार अचानक नहीं हो सकता। इसके लिए पांच से 20 वर्ष के युवाओं को संस्कारवान बनाना होगा। एडवोकेट रामसिंह ने कहा कि शुद्धिकरण के लिए युवाओं व वृद्धों में समन्वय जरूरी है। एडवोकेट सुरेंद्रकुमार मिश्रा ने कहा कि कड़ा कानून लाकर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले राजनेताओं को राजनीति से बाहर किया जाना चाहिए। एडवोकेट श्याम नारायण राठी ने कहा कि शुद्धता व स्वच्छता सिर्फ राजनीति में ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति व वर्ग में होनी चाहिए।
एडवोकेट श्यामसुंदर खंडेलवाल ने कहा कि राजनीति में पढ़े लिखे लोगों के आने से ही सुधार संभव है। खंडेलवाल ने कहा कि सरकारें जो भी नई व्यवस्था देती है। उनके अनुरूप वातावरण व संसाधन नहीं सुलभ होते। वकील बजरंगसिंह रूहेला ने कहा कि जब सरंपच से जिप सदस्य की चुनाव लडऩे की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय है। तो विधायक व सांसद की न्यूनतम योग्यता तय क्यों नहीं है। यह योग्यता कम से कम स्नातक होनी चाहिए। एडवोकेट संतोष सोनी ने कहा कि राजनीति में भ्रष्टाचार दूर होना चाहिए। अभिभाषक अर्जुनसिंह ने कहा कि वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। इसके लिए कानून बनना चाहिए।
एडवोकेट बनवारीलाल खीचड़ ने जातिवाद व अशिक्षा को वर्तमान राजनीतिक दुष्प्रभाव के लिए जिम्मेदार बताया। एडवोकेट महेंद्र गुलेरिया ने युवा पीढ़ी में नैतिकता व राष्ट्रभक्ति के भाव जगाने की आवश्यकता जताई। इस मौके पर एडवोकेट भीमशंकर शर्मा, गजेंद्रसिंह, अशोक पारीक, अमरसिंह, रमेश बीसू, मोहनलाल बीसू, विनोद सोनी, गोवर्धनराम चौधरी भी मौजूद थे।
अधिवक्ता बोले, बदलाव के लिए सबको आना होगा आगे
लाडनूं. राजस्थान पत्रिका के चेंज मेकर बदलाव के नायक स्वच्छ करें राजनीति अभियान के तहत कस्बे के कोर्ट परिसर में गुरुवार को अधिवक्ताओं की गोष्ठी हुई। गोष्ठी में एक दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं ने भाग लिया। इस मौके पर बार संघ लाडनूं के अध्यक्ष हुलास बैंधा ने कहा कि राजस्थान पत्रिका की ओर से शुरू किया गया यह अभियान सराहनीय कदम है। इससे लोगों में निश्चित रूप से जागरुकता आएगी। लोग जागरुक होंगे तो राजनीति में स्वच्छ छवि के लोग चुनकर जाएंगे।
बार संघ लाडनूं के अध्यक्ष रहे एडवोकेट जयश्री डूकिया ने कहा कि लोकतंत्र की नई कसौटी है साफ सुथरी राजनीति। राजनीतिक दल धर्म, जाति, धनबल, भुजबल, और वंशवाद के नाम पर प्रत्याशी चुनते हैं। इन प्रत्याशियों की प्रतिबद्धता पार्टी नेताओं के प्रति होती है देश के प्रति नहीं। जो जीतने के बाद चुनाव में खर्च हुई राशि का सौ गुना वसूलने में जुट जाते हैं। जनप्रतिनिधि अपराधियों के सरपरस्त बन जाते हैं। बड़े व्यापारिक घराने कानून में मनमाफिक परिवर्तन करवाते हैं। आमजन की जरुरतें, समस्याएं, आकांक्षाएं चुनाव के तुरंत बाद भुला दी जाती है। राजनीति में स्वच्छता के लिए हमारी सोच, साहस, कर्तव्य और संवेदनाओं के लिए राजस्थान पत्रिका ने मंच तैयार किया है। चेंजमेकर जनता के लिए सेतु का काम कर रहा है।
चेंजमेकर के माध्यम से अभिव्यक्ति की आजादी को भी बल मिल रहा है। पत्रिका ने इस अभियान के माध्यम से हर व्यक्ति को बदलाव का मौका दिया है। एडवोकेट भगवती प्रसाद शर्मा ने कहा कि राजनीति में भ्रष्टाचार, जातिवाद काफी बढ़ गया है। इसके चलते नेताओं का स्वार्थ हावी है। जनता के हित गौण हो गए हैं। संगोष्ठी में एडवोकेट छोगाराम बुरड़क, एडवोकेट सरफराज नवाज खान, बार संघ सचिव एडवोकेट हरिराम मेहरड़ा, एडवोकेट भोमराज, एडवोकेट रविंद्र सिंह मेड़तिया, एडवोकेट मुकेश जांगिड़, एडवोकेट ओमप्रकाश प्रजापति, एडवोकेट अशोक सिंह राठौड़, एडवोकेट रविंद्र सिंह राठौड़, रामसिंह रैगर आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
इस मौके पर बड़ौदा बैंक के सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रबंधक प्रेमसुख टाक ने स्वच्छ राजनीति के लिए अधिवक्ताओं को तीन संकल्प दिलवाए। उन्होंने कहा कि राजस्थान पत्रिका हमेशा से ही सामाजिक सरोकार के मुद्दे उठाने में आगे रहा है। यह अभियान भी निश्चित रूप से समाज को नई दिशा देने में सफल होगा। सबको इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेकर राजनीति से अपराधी व गलत प्रवृति के नेताओं को दूर करने में सहयोग करने का आह्वान किया।