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चुरू

14 घंटे फाटक पर थम जाते हैं लोग

शहर के करीब 10 हजार लोगों का जीवन रेल फाटकों के बंद रहने से 14 घंटे थम जाता है। नौकरीपेशा लोग समय पर ऑफिस नहीं पहुंच पाते हैं, आमजन को भी परेशानी भुगतनी पड़ रही है।

चुरूAug 04, 2021 / 03:23 pm

Madhusudan Sharma

14 घंटे फाटक पर थम जाते हैं लोग

14 घंटे फाटक पर थम जाते हैं लोग

चूरू. शहर के करीब 10 हजार लोगों का जीवन रेल फाटकों के बंद रहने से 14 घंटे थम जाता है। नौकरीपेशा लोग समय पर ऑफिस नहीं पहुंच पाते हैं, आमजन को भी परेशानी भुगतनी पड़ रही है। रेलवे के मुताबिक इस ट्रेक पर रोजाना करीब 56 यात्री व गुड्स ट्रेनें गुजरती हैं। ट्रेक के उस पार बसी कॉलोनियों व गांवों को शहर से जोडऩे वाले प्रमुख मार्गों पर 3 रेलवे फाटक हैं। अग्रसेन नगर, ओम कॉलोनी व रेलवे कॉलोनी को मिलाकर इनमें करीब 10 हजार लोग रहते हैं। इन क्षेत्रों में अधिकतम नौकरीपेशा व व्यापारी वर्ग के लोगों के घर हैं। इसके अलावा ऊंटवालिया, रामसरा, खासोली व बिसाउ सहित करीब एक दर्जन गांवों के ग्रामीण रोजाना इन रेलवे फाटकों से होकर गुजरते हैं। फाटक बंद रहने के विभाग के बताए समय को जोड़ें तो 24 घ्ंाटे में से करीब 14 घंटे बंद रहने की बात सामने आती है। यहां के वाशिंदों का कहना है कि शहर में जाने के लिए सोचना पड़ता है कि फाटक खुला मिलेगा कि नहीं। लोगों का आरोप है कि कई बार फाटक आधे से पौन घंटे तक बंद रहते हैं। बच्चों के घर से बाहर जाने पर हादसे का भय रहता है। अक्सर फाटक बंद होने का संकेत मिलने के कारण बड़े वाहन तेजी से गुजरते हैं। ड्यूटी पर जाने में हमेशा देरी होती है।
क्षतिग्रस्त आरओबी बना मुसीबत
करीब तीन साल पहले क्षतिग्रस्त हुआ जयपुर रोड़ का आरओबी अग्रसेन नगर के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इसके खराब होने के चलते डाइवर्ट किए गए हंै। ट्रेफिक को लेकर यहां के लोग हादसे से आशंकित हैं। यहां के लोगों ने समस्या को लेकर करीब 65 दिनों तक धरना भी दिया था। संबंधित विभागों सहित जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को अवगत करवाने के बावजूद इस समस्या का कोई हल नहीं निकला। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि 4 माह पहले पीएम पोर्टल पर भी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

लोगों ने बताई परेशानी
&चूरू रेलवे स्टेशन से रोजाना करीब 56 यात्री व गुड्स टे्रनें गुजरती हैं। रेल फाटक अधिकतम 15 मिनिट के लिए बंद किए जाते हैं। वर्तमान में शहर के मध्य 3 रेल फाटक हैं, फाटक संख्या 167 ए,अग्रसेन नगर, 165ए ओम कॉलोनी व 165 विशेष बिसाउ रोड़ हैं।
एसके माथुर, स्टेशन अधीक्षक, चूरू
&शहर में जाने के लिए सोचना पड़ता है कि फाटक बंद मिलेगा या खुला। इमरजेंसी में बहुत दिक्कत हो जाती है। आरओबी के क्षतिग्रस्त होने के बाद ट्रेफि क को अग्रसेन नगर से डायवर्ट करने के कारण अब बच्चों के घर से बाहर जाने पर भय रहता है। हमेशा हादसा होने की आशंका बनी रहती है।
रेखा शर्मा, चूरू
&अग्रसेन नगर, ओम कॉलोनी व रेलवे कॉलोनी को मिलाकर करीब 10 हजार की आबादी रेलवे लाइन के इस पार बस्ती है। इसके अलावा ऊंटवालिया, रामसरा, खासोली, बिसाऊ सहित करीब एक दर्जन गांव का रास्ता इधर से गुजरता है। रेल फाटक के बंद होने का कोई निश्चित समय नहीं है। कभी – कभी तो आधे से पौन घंटे तक बंद रहते हैं।
महेश कुमार गोदारा, चूरू
&अग्रसेन नगर की सड़कें इस क्षमता की नहीं हैं कि भारी वाहनों को इन पर से गुजारा जा सके। आरओबी क्षतिग्रस्त होने के बाद में पिछले 3 सालों से ट्रेफिक इधर से डायवर्ट किया गया है। इस वजह से मेन रोड़ पर लगे खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। सर्किल की बाउंड्री टूट गई यहां का व्यापार डिस्टर्ब हो गया।
रवि ग्वालानी, चूरू
&आरओबी के लिए पीएम पोर्टल पर 4 माह पूर्व शिकायत डाली थी, अभी तक कोई कार्रवाईनहीं हुई। कॉलोनी से हैवी वाहनों को आवागमन पर रोक लगाने की मांग कईबार कर चुके कोई सुनवाईनहीं हुई। हमनें 6 8 दिन धरना भी दिया, सभी जिम्मेदारों को गुहार लगा चुके हैं, स्थिति जस की तस है। राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
डॉ. रविकांत शर्मा, चूरू

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