सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक इतिहास में चले आ रहे वर्षों पुराने मिथक को इस बार पुत्र ने तोड़ दिया है। मिथक ये था कि यहां लगातार कोई पार्टी दुबारा नहीं जीतती, लेकिन इस बार कांग्रेस ने लगातार दो बार चुनाव जीत रिकॉर्ड कायम किया है।
चुरू•May 02, 2021 / 09:36 pm•
Madhusudan Sharma
पुत्र ने तोड़ा वर्षों पुराना मिथक, कांग्रेस दूसरी बार जीती
चूरू. सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक इतिहास में चले आ रहे वर्षों पुराने मिथक को इस बार पुत्र ने तोड़ दिया है। मिथक ये था कि यहां लगातार कोई पार्टी दुबारा नहीं जीतती, लेकिन इस बार कांग्रेस ने लगातार दो बार चुनाव जीत रिकॉर्ड कायम किया है। प्रथम चुनाव से लेकर 2018 के चुनाव तक हर बार पार्टी बदलती रही है। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते मास्टर भंवरलाल मेघवाल के निधन के बाद ये सीट खाली हो गई थी। इस कारण यहां उपचुनाव हुए। यहां से कांग्रेस ने भंवरलाल मेघवाल के पुत्र मनोज मेघवाल को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा। वहीं भाजपा ने वसुंधरा राजे के खेमे से खेमाराम मेघवाल पर दुबारा भरोसा जताया और टिकट देकर मैदान में उतार दिया। तीसरे मोर्चे के रूप में आरएलपी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने भी सीताराम नायक को प्रत्याशी बनाकर चुनाव को रोचक बना दिया। चूरू के पॉलिटेक्निक कॉलेज में सुबह आठ बजे शुरू हुई मतगणना का पहला रूझान सुबह नौ बजे आया। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी ने 1133 मतों की बढ़त बनाई। इसके बाद लगातार इनकी बढ़त बढ़ती चली गई। शाम को जिला निर्वाचन अधिकारी ने परिणाम जारी कर दिया। इसमें कांग्रेस के मनोज मेघवाल को ७९२५३ मत, भाजपा के खेमाराम मेघवाल को ४३६४२ मत और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सीताराम नायक को ३२२१० मत मिले। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी को ३५ हजार ६११ मतों से पराजित घोषित कर दिया।
पिता का सपना था लगातार जीतने का
गौरतलब है कि मास्टर भंवरलाल मेघवाल का लगातार जीतने का सपना था लेकिन वे उसे पूरा नहीं कर पाए। उनके इस सपने को पुत्र मनोज मेघवाल ने साकार कर दिया।
सरकार का साथ, विजयी बना हाथ
उपचुनाव कांग्रेस की प्रतिष्ठा बना हुआ था। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद दो बार यहां सभा की। इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, विधायक व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, जिले के प्रभारी मंत्री भंवरसिंह भाटी सहित तमाम मंत्रियों ने सभाएं की और मतदाताओं के घर-घर दस्तक दी थी। जनता ने कांग्रेस के साथ जाते हुए पार्टी के प्रत्याशी को विजयी बना दिया। चुनाव से पहले ही मनोज के पिता मास्टर भंवरलाल मेघवाल और उनकी बहन पूर्व जिला प्रमुख बनारसी देवी मेघवाल का निधन हो गया था। ऐसे में क्षेत्र की जनता की सहानुभूति उनके लिए काम कर गई।