scriptAcharya Mahashraman- पाप कर्मों से बंधी हुई आत्मा अधोगति में जाती है- आचार्य महाश्रमण | Souls bound by sinful deeds go into degradation - Acharya Mahashraman | Patrika News
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Acharya Mahashraman- पाप कर्मों से बंधी हुई आत्मा अधोगति में जाती है- आचार्य महाश्रमण

चूरू. छापर. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण ने भगवती सूत्र के आधार पर उपस्थित जनता को मंगल संबोध प्रदान करते हुए कहा कि प्राणी या जीव गुरुता (भारीपन) को कैसे प्राप्त होते हैं? उत्तर दिया गया कि जीव प्राणातिपात आदि अठारह पाप क्रियाओं से गुरुता को प्राप्त होता है।

चुरूAug 09, 2022 / 01:46 pm

Vijay

Acharya Mahashraman- पाप कर्मों से बंधी हुई आत्मा अधोगति में जाती है- आचार्य महाश्रमण

Acharya Mahashraman- पाप कर्मों से बंधी हुई आत्मा अधोगति में जाती है- आचार्य महाश्रमण

आचार्य महाश्रमण ने भगवती सूत्र के आधार पर दिए प्रवचन
अठारह पाप क्रियाओं से विरमण करने वाला जीव लघुता को प्राप्त होता है और उसकी आत्मा ऊध्र्वगामी बनती है
चूरू. छापर. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण ने भगवती सूत्र के आधार पर उपस्थित जनता को मंगल संबोध प्रदान करते हुए कहा कि प्राणी या जीव गुरुता (भारीपन) को कैसे प्राप्त होते हैं? उत्तर दिया गया कि जीव प्राणातिपात आदि अठारह पाप क्रियाओं से गुरुता को प्राप्त होता है। हालांकि यह नहीं होता कि पापकर्मों से बंधी हुई आत्मा का वजन किलो में आंका जाए, किन्तु जैसे बताया गया है कि भारी नीचे जाती है और हल्की चीज ऊपर उठ जाती है। उसी प्रकार अठारह पाप क्रियाओं से बंधी हुई आत्मा भारी होती है और वह नीचे अर्थात् अधोगति में जाती है। ङ्क्षहसा, मृषावाद, राग, द्वेष, चोरी, मैथुन, मान, माया लोभ आदि 18 पापों का आसेवन करने वाली आत्मा भारी होकर अधोगति की दिशा में गमन करती है। इसी प्रकार प्रश्न पूछा गया कि जीव लघुता को कैसे प्राप्त करते हैं? उत्तर दिया गया कि अठारह पाप क्रियाओं से विरमण करने वाला जीव लघुता को प्राप्त होता है और उसकी आत्मा ऊध्र्वगामी बनती है।
आचार्य ने मंगल प्रवचन के उपरान्त कालूयशोविलास को व्याख्यायित किया। तदुपरान्त समणी जिज्ञासाप्रज्ञा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी तथा समणी कुसुमप्रज्ञा ने गीत का संगान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल के तत्त्वावधान में अखिल भारतीय तेरापंथ कन्या मण्डल के त्रिदिवसीय १८वें अधिवेशन के संदर्भ में पूज्य सन्निधि में उपस्थित कन्याओं ने आचार्य के समक्ष अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल की अध्यक्ष नीलम सेठिया व कन्या मण्डल प्रभारी अर्चना भण्डारी ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। कन्याओं को साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा ने उद्बोधित किया। आचार्यश्री ने समुपस्थित संभागी कन्याओं को पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि कन्याएं ज्ञान विकास का प्रयास करें। अधिवेशन अच्छी प्रेरणा और पथदर्शन देने वाला बने। ज्ञान के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी जीवन में बढ़ें, शनिवार की सामायिक आदि होती रहे। आचार्य से आशीर्वाद प्राप्त कर देश के विभिन्न हिस्सों से उपस्थित कन्याएं प्रफुल्लित नजर आ रही थीं। रेखा खांटेड़ ने २९ की तपस्या का प्रत्याख्यान किया।
राज्यस्तरीय जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता चूरू ने जीती
रतनगढ़. अलवर में 04 से 07 अगस्त तक हुई 48वीं राज्यस्तरीय जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में बालक वर्ग का खिताब चूरू ने रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में भरतपुर को 06 अंकों से पछाड़ते हुए अपने नाम किया। इससे पहले चूरू टीम ने करौली, सवाई माधोपुर एवं अलवर को एक तरफा मुकाबले में परास्त कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। जिला कबड्डी संघ सचिव युधिष्ठिर गौड़ ने बताया कि सेमीफाइनल में टीम कैप्टन गंगाराम के हरफनमौला खेल की बदौलत जयपुर को 02 अंकों से पराजित कर फाइनल में प्रवेश किया था। राज्यस्तरीय विजेता बनने पर जिला कबड्डी संघ चूरू के संरक्षक रमेश चन्द्र इन्दौरिया, ठाकुरमल शर्मा, बजरंग गुर्जर, शशि कुमार गौङ,राजेन्द्र ङ्क्षसह बीदावत एवं जिला संघ के मनीराम सारण, अशोक कुमार आलङिया, जयराम स्वामी, शिशुपाल बेनीवाल, हरीराम सुथार,चेतन राम, नृङ्क्षसह गौड़ एवं जिला कबड्डी प्रशिक्षक सरस्वती मूंडे ने सभी खिलाडियों एवं टीम कोच रतन ङ्क्षसह, दुर्गेश शर्मा को राज्यस्तर पर विजेता होने पर खुशी का इजहार किया।

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