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Acharya Mahashraman news- भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास भी हो, इसके लिए आत्मावलोकन करें- आचार्य महाश्रमण

चूरू. लाडनूं के जैन विश्वभारती स्थित मल्टीपरपज हॉल का भव्य उद्घाटन आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में हुआ। इस आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जैन विश्व भारती में भौतिक विकास का कार्य बहुत हुआ है। यहां संचालित विविध प्रकल्पों के लिए इसकी आवश्यकता भी है। सुन्दर और आकर्षक भवनों के साथ आत्मा की सुंदरता का भी विकास होना चाहिए। इस विषय पर प्रत्येक व्यक्ति को आत्मावलोकन करना चाहिए।

चुरूNov 14, 2022 / 01:16 pm

Vijay

Acharya Mahashraman news- भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास भी हो, इसके लिए आत्मावलोकन करें- आचार्य महाश्रमण

Acharya Mahashraman news- भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास भी हो, इसके लिए आत्मावलोकन करें- आचार्य महाश्रमण

नवनिर्मित मल्टीपरपज हॉल का किया उद्घाटन: लूनिया परिवार का सम्मान
चूरू. लाडनूं के जैन विश्वभारती स्थित मल्टीपरपज हॉल का भव्य उद्घाटन आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में हुआ। इस आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जैन विश्व भारती में भौतिक विकास का कार्य बहुत हुआ है। यहां संचालित विविध प्रकल्पों के लिए इसकी आवश्यकता भी है। सुन्दर और आकर्षक भवनों के साथ आत्मा की सुंदरता का भी विकास होना चाहिए। इस विषय पर प्रत्येक व्यक्ति को आत्मावलोकन करना चाहिए।
आचार्य प्रवर ने निवृतमान अध्यक्ष मनोज लूनिया के कहा कि जैन विश्वभारती में आपने सेवाएं देते हुए धर्मसंघ की खूब प्रभावना की है। जैन विश्वभारती के मंत्री सलिल लोढ़ा ने कहा कि यह हॉल विविध प्रकार से उपयोग में लिया जा सकेगा। यहां भोजनालय संचालन की सुविधा सहज हो सकेगी वहीं कान्फ्रेंस, योगा, प्रेक्षाध्यान आदि शिविर में भी इसका उपयोग हो सकता है। उन्होंने बताया कि इतना विशाल हॉल सम्पूर्ण परिसर में यही है। जिसमें केवल हॉल ९३०० स्क्वायर फीट का है तथा इसके अलावा किचन व फंक्शनल ऐरिया 2 हजार स्क्वायर फीट, रूम एंड यूटिलिटी ऐरिया १३५० स्क्वायर फीट तथा २ हजार फी रिशेप्सन ऐरिया है। इस विशाल भवन का निर्माण नेमीचंद-फूलदेवी एवं मंगलचंद लुनिया की स्मृति में मनोज-रंजु लुनिया द्वारा करवाया गया। धर्मचंद लूंकड़ ने बताया कि लुनिया के अध्यक्षीय कार्यकाल में इसके अलावा महाश्रमण विहार तथा आदर्श साहित्य भवन का निर्माण करवाया गया वहीं हाऊस ऑफ ग्रीन नर्सरी की स्थापना कर जैन विश्वभारती को हरा-भरा रखने के आत्मनिर्भर बनाया गया।
वर्तमान अध्यक्ष अमरचंद लूंकड़ ने कहा कि जैन विश्वभारती में जय कुंजर की स्थापना हुई तथा सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना कर ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाने की शुरूआत की है। इसके अलावा वर्षा संजय सदन, शुभम गेस्ट हाऊस एवं सागर गेस्ट हाऊस, मुख्य प्रवेश द्वार तथा प्रमुख सड़कों को डामरीकरण कार्य करवाया गया। कार्यक्रम में सम्पोषणम् मल्टीपरपज हॉल निर्माण सहयोगी एवं सोलर प्लांट सहयोगी के रूप में जैन विश्वभारती के पदाधिकारियों ने मनोज-रंजु लुनिया को सम्मानित किया। इस अवसर पर जैविभा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, मुख्य ट्रस्टी रमेशचंद बोहरा, भागचंद बरडिय़ा, जेएसटी सभा अध्यक्ष प्रकाशचंद बैद, उम्मेदङ्क्षसह बोकडिय़ा सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
शासनमाता की 11 कृतियों के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन
जैन विश्व भारती की ओर से शासनमाता साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा की 11 कृतियों की अंग्रेजी अनुवादित पुस्तकों का पूज्यप्रवर के समक्ष लोकार्पित किया गया। हरियाणा से हजारों की संख्या में गुरुदर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं पर आचार्य प्रवर ने अपनी कृपा बरसाते हुए उन्हें भविष्य में कम से कम हरियाणा को 108 दिन का प्रवास प्रदान की घोषणा भी की। अमृतवाणी द्वारा जेसराज सेखाणी की जीवनगाथा Óगाथा पुरुषार्थ कीÓ नामक पुस्तक को पूज्यचरणों में लोकार्पित किया गया। या। जैन विश्व भारती द्वारा श्रीमती पानादेवी सेखानी स्मृति संघ सेवा पुरस्कार वर्ष 2021 श्री मूलचंद नाहर को प्रदान किया। मूलचंद नाहर ने आचार्य के समक्ष अभिवंदना की तो तो आचार्य प्रवर ने उन्हें मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आदमी का जीवन संयम प्रधान हो तो जीवन सुखी बन सकता है, सफल और सुफल बन सकता है और यदि जीवन में असंयम हो मानों दु:ख के आगमन के द्वार खुल सकते हैं। साधु तो महाव्रतों को पालने वाले होते हैं। सभी के लिए महाव्रतों को अंगीकार संभव नहीं होता, इसके लिए परम पूज्य गुरुदेव तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का शुभारम्भ किया। इसके माध्यम से लोग छोटे-छोटे व्रतों को स्वीकार कर अपने जीवन को संयममय बना सकते हैं और उनका संयमी जीवन सफल-सुफल बन सकता है। प्रवचन सभा में सेवाकेन्द्र व्यवस्थापिका साध्वी प्रबलयशा ने सहवर्ती साध्वियों संग गीत का संगान किया। संत सेवाकेन्द्र व्यवस्थापक मुनि विजय कुमार ने भी विचार व्यक्त किए।

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