जैन विश्व भारती की ओर से शासनमाता साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा की 11 कृतियों की अंग्रेजी अनुवादित पुस्तकों का पूज्यप्रवर के समक्ष लोकार्पित किया गया। हरियाणा से हजारों की संख्या में गुरुदर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं पर आचार्य प्रवर ने अपनी कृपा बरसाते हुए उन्हें भविष्य में कम से कम हरियाणा को 108 दिन का प्रवास प्रदान की घोषणा भी की। अमृतवाणी द्वारा जेसराज सेखाणी की जीवनगाथा Óगाथा पुरुषार्थ कीÓ नामक पुस्तक को पूज्यचरणों में लोकार्पित किया गया। या। जैन विश्व भारती द्वारा श्रीमती पानादेवी सेखानी स्मृति संघ सेवा पुरस्कार वर्ष 2021 श्री मूलचंद नाहर को प्रदान किया। मूलचंद नाहर ने आचार्य के समक्ष अभिवंदना की तो तो आचार्य प्रवर ने उन्हें मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आदमी का जीवन संयम प्रधान हो तो जीवन सुखी बन सकता है, सफल और सुफल बन सकता है और यदि जीवन में असंयम हो मानों दु:ख के आगमन के द्वार खुल सकते हैं। साधु तो महाव्रतों को पालने वाले होते हैं। सभी के लिए महाव्रतों को अंगीकार संभव नहीं होता, इसके लिए परम पूज्य गुरुदेव तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का शुभारम्भ किया। इसके माध्यम से लोग छोटे-छोटे व्रतों को स्वीकार कर अपने जीवन को संयममय बना सकते हैं और उनका संयमी जीवन सफल-सुफल बन सकता है। प्रवचन सभा में सेवाकेन्द्र व्यवस्थापिका साध्वी प्रबलयशा ने सहवर्ती साध्वियों संग गीत का संगान किया। संत सेवाकेन्द्र व्यवस्थापक मुनि विजय कुमार ने भी विचार व्यक्त किए।