एपीओ कर बीकानेर लगाया उन्होंने कहा कि पट्टा वितरण, रास्ते के विवादों का निस्तारण नियमों की पालना करते हुए किए जाने चाहिए। नियमों से बाहर जाकर काम करोगे तो परेशानी झेलनी पड़ सकती है। इसी बीच जिला प्रमुख हरलाल सहारण ने भी कहा कि तहसीलदार साहब काम दायरे में रहकर करें। आप पार्टी ना बने। इस पर तहसीलदार ने भी प्रभारी मंत्री के समक्ष प्रमुख से कह दिया कि तो क्या होगा। इस पर प्रभारी मंत्री देवनानी गुस्से में आए गए। उन्होंने तहसीलदार को फटकार लगाई और कहा कि आप जानते हैं कि ये जिला प्रमुख हैं। आपको बात करने का पता तक नहीं है। गुस्साए मंत्री ने उन्हें कक्ष से बाहर कर दिया। इसके कुछ ही घंटे में तहसीलदार को ेएपीओ कर बीकानेर संभागीय कार्यालय लगा दिया गया।
शिकायत करने वालों में नगर अध्यक्ष ओम प्रकाश सीमार, नगर महामंत्री श्याम पारीक, जिला मंत्री गिरधारीलाल खीचड़, युवा मोर्चा देहात अध्यक्ष पप्प कड़वासरा, देवीसिंह, अनिल मेघवाल, शेरुराम सोनी, छगनलाल मंडार आदि शामिल थे। इस पर मंत्री ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष डा.वासुदेव चावला ने प्रभारी मंत्री के समक्ष कहा कि कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के मान सम्मान में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने प्रभारी मंत्री से कार्रवाई की भी मांग की। ओम सारस्वत, हेमसिंह शेखावत, सुशील लाटा, दीनदयाल सैनी, सुरेश सारस्वत आदि पदाधिकारियों ने देवनानी का स्वागत किया।
जनता -अधिकारी परेशान प्रभारी मंत्री देवनानी ने कहा कि मिस्टर तहसीलदार आपकी कार्यशैली से आमजन से लेकर आपके उच्चाधिकारी तक दुखी है। इसमें सुधार कर लेवें। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। …तो बाबू का इलाज क्यों नहीं करते
जांदवा गांव में आम रास्ते के विवाद में तहसीलदार की ओर से सही रिपोर्ट नहीं बनाए जाने और उच्चाधिकारियों को गुमराह करने की शिकायत की गई। इस पर प्रभारी मंत्री ने तहसीलदार से पूछा तो तहसीलदार ने कहा कि यह प्रकरण में बाबू के पास हैं। मैं देखूंगा। इस पर प्रभारी मंत्री ने साफ कहा कि बाबू गड़बड़ी कर रहा है तो उसका इलाज करो। अन्यथा आपके खिलाफ कार्रवाई करूंगा।
मंत्री की मौजूदगी में पैस मांगने का लगाया आरोप इस दौरान रतनगढ़ से आए भाजपा पदाधिकारियों ने तहसीलदार पर कार्य के पेटे रुपए मांगने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रभारी मंत्री से कहा कि तहसीलदार किसी की सुनते नहीं है। राज में होकर कार्यकर्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। आपके सामने जब इस तरह से बात कर रहे हैं तो हम कहां जाएंगे। इतना कहकर कार्यकर्ता चले गए।