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चुरू

जिले के होनहारों ने न्यायिक सेवा में परचम फहराया, आठ बने जज

न्याय एवं विधि क्षेत्र की परीक्षाओं में चूरू के युवा लगातार अच्छी सफलता अर्जित कर रहे हैं। विधि ही नहीं दूसरे क्षेत्रों में प्रयासरत युवाओं को भी प्रेरणा देने वाली बात है।

चुरूNov 20, 2019 / 08:12 pm

Madhusudan Sharma

जिले के होनहारों ने न्यायिक सेवा में परचम फहराया, आठ बने जज

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चूरू. न्याय एवं विधि क्षेत्र की परीक्षाओं में चूरू के युवा लगातार अच्छी सफलता अर्जित कर रहे हैं। विधि ही नहीं दूसरे क्षेत्रों में प्रयासरत युवाओं को भी प्रेरणा देने वाली बात है। राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से मंगलवार देर रात घोषित आरजेएस परीक्षा 2019 के परिणामों के अनुसार चूरू जिले के आठ युवा अंतिम रूप से चयनित घोषित किए गए हैं। चयनित सना, जया, नेहा व महेंद्र मीणा का जिला मुख्यालय स्थित सूचना केंद्र में सम्मान किया गया। सभी चयनितों ने अपनी सफलता के लिए परिजनों के साथ-साथ अपने चयन का श्रेय विधि कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता दिवगंत महावीर सिंह यादव की प्रेेरणा एवं आरजेएस चंद्रशेखर पारीक व वरिष्ठ विधि अधिकारी महेंद्र सैनी के मार्गदर्शन को दिया है। इधर विद्यार्थियों के चयन पर विधि महाविद्यालय चूरू के प्राचार्य डा.श्रवण सैनी भी खुशी जताई है।
पहले ही प्रयास में सफलता
पहले प्रयास में ही आरजेएस बनने वाली चूरू की सना खान ने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की।इनके दो पुत्रियां है, गौरतलब बात यह है कि उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता अर्जित की।उन्होंने बताया कि सबके सहयोग व कड़ी मेहनत के साथ की गई तैयारी से मन में एक विश्वास था। उन्होंने अपने चयन का श्रेय पिता हकीम अहमद खान, नसीम बानो, ससुर महबूब खान, सास नसीम बानो, पति नईम खान, बड़े भाई ताहिर खान को दिया है।
तीसरे प्रयास में मिली जया रही सफल
चूरू के शिवभगवान सैनी की बेटी जया सैनी ने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। सफलता का श्रेय अपने पिता माता परमेश्वरी देवी के साथ गुरुजनों को दिया है। जया के पिता केमिस्ट हैं, उनकी नई सड़क पर दुकान है।
सही मार्गदर्शन जरूरी
सुभाष चौक निवासी रामजीलाल कुमावत व कमला की बेटी नेहा ने 2015 में एलएलबी की थी। नेहा के पिता माध्यमिक शिक्षा विभाग में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

तीसरे प्रयास में सफल हुए रामसरा के महेंद्र
रामसरा निवासी महेंद्र कुमार मीणा ने तीसरे प्रयास में यह सफलता अर्जित की है। रामसरा के रामेश्वर लाल मीणा एवं विनोद देवी के पुत्र महेंद्र मीणा ने बताया कि चयन में माता-पिता के साथ दोस्त बलबीर का योगदान रहा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति पूरे समर्पण के साथ लगातार मेहनत करता है तो सफलता मिलती ही है।
लॉ ऑफिसर रह चुके हैं अविनाश
अग्रसेन नगर निवास संतोष चांगल के बेटे अविनाश चांगल ने भी आरजेएस परीक्षा उत्तीर्ण की है। वे अभी चित्तौडगढ़़ में सहायक अभियोजन अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। इससे पूर्व सिंडिकेट बैंक में लॉ ऑफिसर रह चुके हैं। उनके पिता संतोष चांगल एलआईसी में विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
प्रतिकूल परिस्थितियों में दिखाई प्रतिभा
रतनगढ़. नगर की सविता चौधरी का आरजेएस परीक्षा में ओबीसी वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर यहां पूरे कस्बे में खुशी की लहर दौड़ गई। सविता के दादा किसनाराम रतनगढ़ के प्रधान व 1957 में विधायक रहे थे। पिता मोहनलाल चौधरी व मां परमेश्वरी देवी के घर जन्म लेने के बाद जब यह दो माह की थी तब सड़क दुर्घटना में मृत्यु के कारण पिता का साया सिर से उठ गया और मां ने इसे पढ़ाया। मां पंचायत समिति मे लिपिक लग गई। प्रतिकूल परिस्थितियों मे स्वयं को तराश कर मुकाम हासिल किया।

पूरे मनोयोग से करें तैयारी
सुजानगढ़. नयाबास निवासी किशनलाल तूनवाल की 5वें नम्बर की बेटी निधी तूनवाल ने तीसरे प्रयास में आरजेएस परीक्षा में ओबीसी वर्ग में 110वीं रैंक हासिल की। निधी ने बताया कि सफलता के पीछे मेरी मेहनत तो है लेकिन लॉ में प्रवेश का निर्णय मेरे जीजाजी एडवोकेट निर्मल वर्मा की सलाह पर लिया है। निधी ने चूरू लॉ कॉलेज में गोल्ड मैडल भी प्राप्त किया था। उन्होंने बताया कि पढ़ाई के लिए 10-12 घंटे तैयारी की बजाय जब मन में आए तब पढऩा चाहिए लेकिन पूरे मनोयोग से होना चाहिए। निधी की माता कमलादेवी गृहणी है।
लाछड़सर की गीता सारण बनी आरजेएस
रतनगढ़. तहसील के गांव लाछड़सर की रहने वाली गीता सारण गांव में पिता बनवारीलाल सारण व मां पार्वती के घर जन्मी और 11वीं तक गांव के ही विद्यालय में अध्ययन किया। इसके बाद जयपुर शिक्षा ग्रहण की। मामा धातरी निवासी ओमप्रकाश सींवर एडीजे हैं। भाई सुशील जो आरएएस प्री.परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद फाइनल के परिणाम का इन्तजार कर रहा है।

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