खाली पड़े तालाब
उपखंड क्षेत्र में गोपालपुरा, चाड़वास, आबसर, भींमसर, सालासर, बाघसरा आथूणा क्षेत्रों के बड़े तालाब अभी खाली पड़े है। कम बारिश होने के कारण इन तालाबों में पानी की आवक नहीं हुई। पिछले वर्ष जुलाई के प्रथम पखवाड़े तक उक्त बड़े तालाब में पानी की आवक आधे से अधिक हो चुकी थी। तालाबों में पानी की आवक होने से पशुधन को समुचित मात्रा में पीने का पानी आसानी से सुलभ हो जाता था।
कम हुई बरसात
इस वर्ष 28 जून को 6 व 27 जून को 48 एमएम सहित कुल 8 3 एमएम बारिश हुई जो काफी कम है क्योंकि वर्ष 2017 में 10 जुलाई तक 18 2 एमएम, 2016 में 97 एमएम, 2015 में 200 एमएम, 2014 में 132 एमएम, 2013 में 115 एमएम, 2012 में 104 एमएम, 2011 में 16 2 एमएम, 2010 में 145 एमएम बारिश हुई थी। पिछले 10 वर्षो में इस वर्ष ही बरसात कम हुई है और एक-दो दिन में बरसात के आसार नजर नहीं आ रहे है, इस कारण किसान निराश हैं।
बारिश की अपर्याप्तता से क्षेत्र में अब तक करीब 6 0 फीसदी रकबे में बुआई हुई है। 6 0 प्रतिशत क्षेत्र में बाजरा, तिल, मोठ, ग्वार, मूंग आदि की बुवाई हो पाई है। अधिकांश क्षेत्रो में बुवाई के बाद फसले अंकुरित भी हो गई है। अब किसान अच्छी बारिश की बाट जो रहे हैं। उधर, जो किसान अब तक बुवाई नहीं कर पाए, उन्हे भी बारिश का इन्तजार है। पत्रिका प्रतिनिधि ने सोमवार व मंगलवार को क्षेत्र के गांव जीली, गनोड़ा, चरला, सारोठिया, गुलेरिया, भींमसर, मलसीसर, कोलासर, ठरड़ा सहित दो दर्जन गांवों का भ्रमण किया तो ग्रामीण अंचल में बरसात की बेरूखी के कारण किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरे देखी गई।
हरिराम, सहायक कृषि अधिकारी