scriptपुलिस के पहुंचने पर दुम दबाकर भागे यूथ ओलम्पिक गेम्स के आयोजक | The organizers of the Youth Olympic Games ran up after the police com | Patrika News

पुलिस के पहुंचने पर दुम दबाकर भागे यूथ ओलम्पिक गेम्स के आयोजक

locationचुरूPublished: Jan 14, 2018 11:31:21 pm

Submitted by:

Rakesh gotam

पुलिस लाइन मैदान में आयोजित दो दिवसीय यूथ ओलम्पिक गेम्स प्रतियोगिता फर्जी निकली

पुलिस के पहुंचने पर दुम दबाकर भागे यूथ ओलम्पिक गेम्स के आयोजक

पुलिस के पहुंचने पर दुम दबाकर भागे यूथ ओलम्पिक गेम्स के आयोजक

चूरू

पुलिस लाइन मैदान में आयोजित दो दिवसीय यूथ ओलम्पिक गेम्स प्रतियोगिता फर्जी निकली। प्रतियोगिता का काला खेल प्रकाशित होने पर रविवार सुबह पुलिस लाइन स्थित खेल मैदान में डीएसपी हुकम सिंह पुलिस के साथ पहुंच गए। आयोजक से प्रतियोगिता की जानकारी ली। पुलिस के बढ़ते सवालों से आयोजक हड़बड़ा गए और खेल मैदान छोड़कर भाग गए।
मेडल के लिए नेचर पार्क में छीना झपटी
इस दौरान खेल रहे खिलाडिय़ों में भी आपस में झड़प हो गई। आयोजक अनेक खिलाडिय़ों सहित करीब पांच सौ मीटर दूर स्थित नेचर पार्क में भाग गए। यहां प्रतियोगिता में बिना खेले ही खिलाडिय़ों को सर्टिफिकेट व मेडल्स बांटे जाने लगे तो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी आक्रोशित हो गए। मौके पर स्थिति तनावपूर्र्ण हो गई। खिलाडिय़ों को बांटने के लिए लाए गए सर्टिफिकेट व मेडल्स एक प्लास्टिक कट्टे में बंद थे। जिन्हें देखते ही मौजूद खिलाड़ी कट्टे को लेकर इधर-उधर भागने लगे। अंत में जिसके भी जिस तरह से सर्टिफिकेट व व मेडल्स हाथ आए, वे उन्हें लेकर बैग में डाल लिए। चूरू, हनुमानगढ़, झुंझुनूं सहित करीब पांच जिलों के खिलाड़ी प्रतियोगिता में पहुंचे थे।
काउंसिल से मान्यता नहीं
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आए खिलाडिय़ों को आयोजक ने सपने दिखाए की यहां खेलने के बाद उनको सीधा राज्य स्तर पर खिलाया जाएगा। जबकि वास्तविकता यह है कि उक्त संस्थान को स्पोर्टस कांउसिल ऑफ राजस्थान से कोई मान्यता नहीं है। खेल विभाग के मुताबिक यूथ ओलम्पिक गेम्स एसोसिएशन फर्जी था।
सेना को लिखा पत्र
उधर खेल विभाग ने सेना भर्ती कार्यालयों को इस खेल संघ की काली करतूतों के बारे में अवगत करा दिया गया है। सूत्रों से पता चला है कि इस खेल संघ के प्रमाणपत्र पर कइयों को सेना भर्ती में लाभ भी दिया गया है। अब उसकी भी जांच होगी।
इसलिए चुना पुलिस लाइन का खेल मैदान
आयोजकों ने मामले का खुलासा नहीं हो इसके लिए पुलिस लाइन जैसे सुरक्षित खेल ग्राउंड को चुना था। जबकि वहां कई खेलों के कोर्ट भी नहीं हैं। अपने काले खेल को छुपाने के लिए ही स्टेडियम में इसका आयोजन नहीं कराया। पुलिस ने उक्त आयोजक को किस आधार पर पुलिस लाइन का खेल मैदान दिया इसका भी खुलासा नहीं कर रही। हालांकि पुलिस का कहना है कि आयोजकों ने प्रतियोगिता के बदले कुछ राशि देने को कहा था लेकिन नहीं दिए और भाग गए।
खिलाड़ी हो जाएं सावधान
खेल अधिकारी ने बताया कि खेल विभाग, शिक्षा विभाग व खेल विभाग में पंजीकृत एसोसिएशनों की ओर से कराए जाने वाले आयोजन ही मान्य हैं। इसके अलावा किसी भी खेल संघ की ओर से कराए जाने वाले खेल मान्य नहीं है।
खिलाडिय़ों से लिए हजारों रुपए

डीएसपी हुकम सिंह के पुलिस लाइन खेल मैदान में पहुंचने पर प्रतियोगिता के आयोजक हड़बड़ा गए और मैदान छोड़कर भाग गए। पुलिस तक मामला न पहुंचे इसके लिए आयोजकों ने कुछ खिलाडिय़ों को ली गई प्रवेश फीस वापस लौटा दी। डीएसपी ने बताया कि आयोजक भादरा निवासी सुरेंद्र मोहन के मुताबिक करीब ८६ खिलाडिय़ों से ३००-३०० रुपए के हिसाब से २५ हजार आठ सौ रुपए वसूले गए थे।

खिलाड़ी बोले, सर्टीफिकेट की कोई मान्यता नहीं

तारानगर से भाग लेने के लिए आए कुलदीप व अन्य ने बताया कि उसने प्रतियोगिता में कोई मैच नहीं खेला है। इसके बाद भी उसे सर्टिफिकेट दे दिया गया शनिवार सुबह तीन सौ रुपए इंटरफीस के रूप में लिए गए थे। अब पता चला है कि संस्थान के सर्टीफिकेट की कोई मान्यता नहीं है।
इनकी सजगता से हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

जिला खेल अधिकारी ईश्वरसिंह लांबा की सजकता से यह फर्जी खेल आयोजन पकड़ में आया। उन्होंने बताया कि आस-पास के जिलों में ऐसी अनेक फर्जी खेल संस्थाएं चल रही हैं, जो खिलाडिय़ों को खेल जगत में ऊपर तक पहुंचाने का सपना दिखाकर ठग रहे हैं। शनिवार को आयोजन की खबर लगते ही उन्होंने मीडिया व प्रशासन को इसकी सूचना दे दी थी। खिलाड़ी ऐसे खेल आयोजनों में हिस्सा नहीं ले। इनके सर्टिफिकेट की कोई मान्यता नहीं है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो