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कोयंबटूर

आत्मशुद्धि का उत्तम समय है चातुर्मास

चातुर्मास आत्मकल्याण और आत्मशुद्धि के लिए उत्तम समय है। भगवान महावीर के सिद्धांतों को जानने व धर्म आराधना के लिए चातुर्मास सर्वश्रेष्ठ है।

कोयंबटूरJul 14, 2019 / 12:40 pm

कुमार जीवेन्द्र झा

आत्मशुद्धि का उत्तम समय है चातुर्मास

आत्मशुद्धि का उत्तम समय है चातुर्मास

कोयम्बत्तूर. चातुर्मास आत्मकल्याण और आत्मशुद्धि के लिए उत्तम समय है। भगवान महावीर के सिद्धांतों को जानने व धर्म आराधना के लिए चातुर्मास सर्वश्रेष्ठ है।
ये बातें मुनि हितेशचंद्र विजय और मुनि दिव्यचंद्र विजय बंधुबेलड़ी ने शनिवार को श्री राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ Rajasthan jain murti pujak sangh के तत्वावधान में आर.जी.स्ट्रीट स्थित सुपाश्र्वनाथ जिनालय में चातुर्मास मंगल प्रवेश के मौके पर आयोजित धर्मसभा में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने जैन समाज की एकता पर भी बल दिया। इससे पहले मुनिवृंद ने गाजे-बाजे के साथ चातुर्मास मंगल प्रवेश किया। इस मौके पर सुबह 8.30 बजे Coimbatore पू मार्केट स्थित वर्धमान ग्रैंड से शोभा यात्रा प्रारंभ हुई जो आर. जी. स्ट्रीट स्थित मंदिर पहुंच कर धर्मसभा में बदल गई।
शोभायात्रा में महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रहीं थीं। शोभायात्रा में समस्त जैन संघों के सदस्यों और महिलाओं व बच्चों ने भाग लिया। मुनिवृंद के आगे छोटे बच्चे कमांडो की वेशभूषा में खासे आकर्षण का केन्द्र बने हुए थे। शोभायात्रा के आगे दुपहिया वाहनों पर सवार युवा मंडल के पदाधिकारी हाथों में ध्वज लिए चल रहे थे। इस दौरान भगवान महावीर व जैन समाज के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो गया। सुपाश्र्वनाथ जैन सेवा मंडल के बैंड ने शोभायात्रा में स्वर लहरियां बिखेरी। बैंड की धुन पर शोभायात्रा में जैन समाज के युवा थिरकने भी लगे।
धर्मसभा में सुपाश्र्वनाथ संस्कार वाटिका, सुपाश्र्वनाथ भक्ति मंडल, सुपाश्र्वनाथ बालिका मंडल, राजेन्द्र सूरी भक्ति मंडल, राजेन्द्र सूरी जैन धार्मिक पाठशाला की बालिकाओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। मुनिवृंद का कोयम्बत्तूर में यह पहला चातुर्मास है। कार्यक्रम में अन्य राज्यों से भी जैन संघों के पदाधिकारी यहां पहुंचे। स्थानीय संघ की ओर से बाहर से आए पदाधिकारियों का बहुमान किया।
अरिहंत भवन के पास 35 महिलाओं ने कलश से मुनिवृंद का सामैया किया। साथ ही मुनिवृंदों का गुुरुपूजन हुआ। लाभार्थी परिवार ने मुनिवृंदों को कांबली ओढ़ाई। स्थानीय संघ की ओर से लाभार्थी पानी देवी, जांवतराज बागरेचा परिवार का भी अभिनंदन किया गया। चातुर्मास प्रवचन रविवार से शुरू होंगे।

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