सबसे पहले इलाके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज ली गई । वारदात के वक्त क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल काल की डिटेल निकाली गई। रामनाथपुरम थाना क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटरों से पूछताछ की गई। आखिर पुलिस को सुराग मिला और वारदात में शामिल छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें पालक्काड के अथूर का जलील गिरोह का सरगना है। अजित व अरविन्दम त्रिशूर के रहने वाले ही। बाकी तीन पदमनाभन,कमलेश और नटराजन कोयम्बत्तूर के हैं। ठगी की साजिश के पीछ जलील का दिमाग था।
गिरोह में छह और लोग शामिल हैं। आरोपियों के पास से ८.४० लाख रुपए बरामद किएगए हैं।१५ लाख कीमत की इनकी दो कारें भी जब्त की गई है।माना जा रहा है कि ये बड़ा गिरोह है। पूछताछ में अन्य वारदातों की खुलने की संभावना है। अभी गिरोह के छह लोगों की तलाश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि ठगी की वारदात १७ जुलाई को हुई थी। केरल के थलसेरी कस्बे से अभिनेष और नौशाद
सोने के गहने खरीदने कोयम्बत्तूर आ रहे थे। दो कारों में सवार फर्जी अधिकारियों का गिरोह इनका पीछा कर रहा था।दोनों युवाओं की कार जब शिवानंद कॉलोनी इलाके में पहुंची तो ठग गिरोह ने अपनी एक कार आगे ले ली और कम आवाजाही वाले इलाके में आगे रोक कर खड़े हो गए। इन्होंने अभिनेष और नौशाद की कार का रोकने का इशारा किया। ठग पहनावे से शरीफ और सरकारी अधिकारी जैसे लग रहे थे तो दोनों ने कार रोक ली। पीछे से ठगों की दूसरी कार भी आ गई।
फर्जी टीम ने बताया कि वे वाहनों की रूटीन जांच कर रहे हैं। यह कहते हुए कार की तलाशी ली । उसमें एक बैग में १३ लाख की नकदी मिली। उन्होंने राशि के वैध कागजात मांगे। जो उस समय युवकों के पास नहीं थे।
फर्जी अधिकारियों ने अपने कार्यालय का पता बताते हुए कहा कि वैध कागजात बता कर राशि को ले जाना। ये कहते हुए तत्काल कारों में सवार हुए व तेज गति से कार ले गए। फटाफट राशि जब्त कर तेजी से जाने से युवकों को शक हुआ। उन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।