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कोयंबटूर

भूस्खलन और पेड़ गिरने से यातायात बाधित

अंचल में बुधवार को भी रूक-रूक कर बरसात का दौर जारी रहा। देर से ही सही मानसून के मेहरबानी से किसानों सहित आम जनता के चेहरे खिले हुए हैं।

कोयंबटूरAug 08, 2019 / 02:27 pm

कुमार जीवेन्द्र झा

landslide and falling of trees

भूस्खलन और पेड़ गिरने से यातायात बाधित

कोयम्बत्तूर. अंचल में बुधवार को भी रूक-रूक कर बरसात का दौर जारी रहा। देर से ही सही मानसून के मेहरबानी से किसानों सहित आम जनता के चेहरे खिले हुए हैं। कुछ इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण पिल्लूर और सिरुवानी बांध में तेजी से पानी आ रहा है।
पिल्लूर तो लबालब हो चुका है और यहां से 16 000 क्यूसेक पानी भवानी नदी में छोड़ा जा रहा है।इससे नदी किनारे निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका है। वहीं 50 फीट की भराव झमता वाले सिरुवानी बांध में बुधवार तक 28 .5 फीट पानी आ चुका है।
उम्मीद की जा रही है कि सिरुवानी भी जल्द ही भर जाएगा। दोनों बांधों से कोयम्बत्तूर शहर को जलापूर्ति होती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले चार दिन तक बरसात का दौर जारी रह सकता है। पिछले सप्ताह से जारी बारिश के दौर के कारण तापमान गिरने से मौसम में सर्दी बढ़ी है। हालांकि, कई इलाकों में जलजमाव और यातयात जाम के कारण लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा। आर एस पुरम सहित उन इलाकों में लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई जहां पानी के पाइप लाइन या दूसरे कार्यों के लिए सड़कें खोदी गई हैं। बारिश के कारण इन इलाकों में कीचड़ के कारण वाहन चालकों व पदयात्रियों को भी परेशानी हुई।
ऊटी-मैसूर राजमार्ग की एक लेन बंद
नीलगिरि जिले में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। मंगलवार देर रात ऊटी-मैसूर राजमार्ग पर पायकरा इलाके में भूस्खलन और पेड़ गिरने से आवागमन बाधित रहा। यहां पिछले पांच दिन से रुक रुक कर बरसात हो रही है। इस वजह से पहाड़ से भू स्खलन और तीन पेड़ों के सड़क पर गिर जाने से आवागमन थम गया। इस रास्ते से केरल और कर्नाटक के लिए बस -ट्रक और अन्य वाहन आते जाते हैं।
सूत्रों ने बताया कि जानकारी मिलते ही बुधवार सुबह पेड़ों को हटा कर सड़क से मलबा साफ कर दिया ।अभी भूस्खलन रोकने के लिए सड़क किनारे रेत के बैग रखे हैं और यहां एक तरफ से ही वाहन को आवागमन की अनुमति है।इधर भारी बरसात से ऊटी में सैलानियों का आना भी बहुत कम हो गया है। इस बीच नीलगिरि जिला प्रशासन ने कुंडाह, पंडालुर, उदगमंडलम और गुड़ालुर तालुकों में स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए हैं।
बाढ़ से निपटने को प्रशासन तैयार
जिला कलक्टर राजामणि ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अगर बाढ़ की स्थिति बनती है तो प्रशासन के पास सभी इंतजाम है। पिल्लूर बांध से अतिप्रवाह के कारण भवानी के किनारे के गांवों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
नदी किनारे व आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। प्रशासन लगातार नजर रखे हुए हैं।
अवलांचे में 405मिमी बारिश
नीलगिरि जिले में पिछले चौबीस घंटे के दौरान 80 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई लेकिन नीलगिरि पहाड़ी के ऊपरी इलाके अवलांच में बुधवार सुबह तक ४०५ मिमी बारिश दर्ज की गई जो जिले में सबसे ज्यादा है।
अवलांचे में दो दिन के दौरान करीब 194 मिमी और जिले में 701 मिमी बारिश दर्ज की गई। 5 अगस्त की सुबह तक अवलांच में 211 मिमी बारिश दर्ज की गई थी जबकि जिले में 673.10 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। बुधवार सुबह तक जिले में 1374 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जिले में औसतन80.82 मिमी बारिश दर्ज की गई।
बंद रहा कोवई कुटरालम
जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश का दौर जारी रहने से पानी के तेज बहाव के कारण बुधवार को भी कोवई कुटरालम प्रपात सैलानियों के लिए बंद रहा।
अधिकारियों के मुताबिक लगातार बारिश के कारण प्रपात में काफी पानी आ रहा है और इससे फिलहाल सैलानियों के लिए खोलना संभव नहीं है।स्थिति सामान्य होने के बाद इसे सैलानियों के लिए खोला जाएगा। इस बीच सिरुवानी बांध का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कोयम्बत्तूर जिले में अब तक 496 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

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