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कोयंबटूर

कई गांव-कस्बों का कूड़ा कोयिस्का के हवाले

एक ओर कई संगठन नीलगिरि से निकलने वाली कोयिस्का नदी को पुनर्जीवित करने की जद्दोजहद कर रहे हैं, दूसरी ओर नदी के पेटे को डम्पिंग यार्ड में बदला जा रहा है। यह सब अधिकारियों की निगाह में है।

कोयंबटूरSep 23, 2019 / 12:16 pm

Dilip

कई गांव-कस्बों का कूड़ा कोयिस्का के हवाले

कई गांव-कस्बों का कूड़ा कोयिस्का के हवाले

कोयम्बत्तूर. एक ओर कई संगठन नीलगिरि से निकलने वाली कोयिस्का नदी को पुनर्जीवित करने की जद्दोजहद कर रहे हैं, दूसरी ओर नदी के पेटे को डम्पिंग यार्ड में बदला जा रहा है।
यह सब अधिकारियों की निगाह में है। इसके बाद भी नदी में कूड़ा डालने से रोकने की कोशिश नहीं का जा रही । नदी के नरसिंहपालयम वाले हिस्से में तो गांव के अलावा दूसरी जगह का कूड़ा भी ठिकाने लगाया जा रहा है। जनता का आरोप है कि खुद पंचायत प्रशासन ही ऐसा कर रहा है।
नरसिंहपालयम के लोगों ने नदी के पेटे से उठते धुएं को दिखाते हुए कहा कि जाने कहां से कूड़ा ला कर यहां जलाया जा रहा है। दिन भर धुंआ उठता रहता है।
हम बेबस हैं। जबकि कचरा जलाने पर प्रतिबंध है और यह कचरा भी प्लास्टिक, पोल्ट्री अपशिष्ट और फैक्ट्रियों का है। कचरे के जलने से निकलने वाली हानिकारक गैसों के कारण आदमी के साथ-साथमवेशी प्रभावित हो रहे हैं। यहीं नहीं शहर के मकानों के मलबे तक को नदी के हवाले कर रहे हैं। एक किसान ने बताया कि इससे तो नदी का बहाव क्षेत्र ही बदल जाएगा है।
पुधुपलायम रोड के पास सबसे ज्यादा मलबा डाला जा रहा है। इस दिशा में पुलिस प्रशासन ने जरूर कई ट्रॉली वालों को चेतावनी दी है। लेकिन नजर बचा कर मलबा डालने का सिलसिला थमा नहीं है। नरसिंहपालयम सहित आसपास के लोगों ने जिला प्रशासन से नदी के पेटे में कचरा डालने पर रोक लगाने और उलंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है कि इसी इलाके की भवानी नदी को तो पहले ही इतना दूषित किया जा चुका है कि खुद राज्य सरकार ने इसके पानी को पीने योग्य नहीं माना है। मेट्टूपालयम की आबादी का तमाम गंदा पानी २८ छोटी -बड़ी नालियों से होता हुआ सीधे भवानी में जा कर मिलता है। सैकड़ों फैक्ट्रियों से निकलने वाला रासायनिक व अन्य अपशिष्ट भी भवानी के हवाले कर दिया जाता है। न तो शहर के सीवरेज को उपचारित करने का कोई संयंत्र आज तक लगा है न ही उद्योग-धंधों के अपशिष्ट को साफ किया जाता । लोगों ने बताया कि कई फैक्ट्रियों का अपशिष्ट अब कोयिस्का के हवाले किया जा रहा है।
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