बेटी व खुद की रक्षा के लिए पति की हत्या, पुलिस ने पूछताछ के बाद पत्नी को छोड़ा
आत्मरक्षा के लिए पति की हत्या करने की आरोपी पत्नी को पुलिस ने बिना कार्रवाई के जाने दिया। उसने अपनी बेटी व खुद की रक्षा के लिए पति पर हमला किया था। पुलिस का कहना है कि भादसं में ऐसा अधिकार है। इसे दुर्लभतम मामला माना जा रहा है।
कोयंबटूर•Sep 16, 2019 / 01:12 pm•
Dilip
बेटी व खुद की रक्षा के लिए पति की हत्या, पुलिस ने पूछताछ के बाद पत्नी को छोड़ा
मदुरै. आत्मरक्षा के लिए पति की हत्या करने की आरोपी पत्नी को पुलिस ने बिना कार्रवाई के जाने दिया। उसने अपनी बेटी व खुद की रक्षा के लिए पति पर हमला किया था। पुलिस का कहना है कि भादसं में ऐसा अधिकार है। इसे दुर्लभतम मामला माना जा रहा है।
घटनाक्रम के अनुसार मदुरै के बाहरी इलाके ओमाचिककुलम में रहने वाला ज्योति बसु वर्ष 1995 से ही पत्नी उषा रानी , बच्चों और परिजनों को प्रताडि़त करता था। कई बार पुलिस थाने तक मामला पहुंचा। बसु के खिलाफ कई बार रिपोर्ट भी दर्ज हुई हैं। रोज-रोज के कलह और मारपीट से तंग आ कर कुछ माह पहले उषा बच्चों को साथ लेकर पति से अलग हो गई।
थोड़े दिन शांति रही पर पन्द्रह दिन पहले ज्योति फिर परिवार के साथ रहने आ गया। उसने ओमाचिककुलम थाने जा कर पुलिस को भी आश्वासन दिया कि वह अब पत्नी और बच्चों को परेशान नहीं करेगा। लेकिन वह बात पर कायम नहीं रहा। गुरुवार को ज्योति फिर से पत्नी और बच्चों से झगडऩे लगा। उसने पत्नी की पिटाई कर दी। बाद में वह बेटी को मारने के लिए लपका। बेटी को बचाने के लिए उषा ने पास ही पड़ा क्रि केट का बल्ला उठाया और पति के दे मारा।बल्ले की चोट से वह जमीन पर गिर गया। पत्नी और बेटी ने उसे संभाला और राजाजी अस्पताल ले गई। जहां चिकित्सकों ने ज्योति को मृत घोषित कर दिया।अपने हाथों पति की हत्या से उषा अपराध बोध से ग्रस्त हो गई। वह खुद ही पुलिस थाने गई और बताया कि उसने पति की हत्या कर दी है। अपराध कबूल करने पर पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे हिरासत में लिया ।
अपने बयान में उषा ने बताया कि बेटी और खुद को पति से बचाने के लिए उसे यह कदम उठाना पड़ा। उषा के बयान से संतुष्ट होने पर पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की और छोड़ दिया।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक आसरा गर्ग का कहना है कि आरोपी को प्रारंभिक जांच के आधार पर रिहा किया गया है। आरोपी ने बेटी और खुद की रक्षा के लिए पति पर हमला किया था । इसलिए उसे छोड़ दिया गया था। पुलिस अधीक्षक
ने बताया कि भादसं की धारा 100 के तहत आत्मरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने का अधिकार है।