2011 में वल्र्ड चैंपियन टीम इंडिया के सदस्य रहे आशीष नेहरा ने 1999 में टेस्ट क्रिकेट में करियर की शुरुआत मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में की थी। नेहरा ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत श्रीलंका के विरुद्ध कोलम्बो में की थी, जब वे १९ वर्ष के थे। 2001 में उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय मैच जिम्बाब्वे के विरुद्ध हरारे में खेला। नेहरा 17 टेस्ट, 120 वनडे और 26 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 44 टेस्ट विकेट,157 एकदिवसीय विकेट और 34 टी-20 विकेट ले चुके हैं। चोटिल होने के कारण वह टीम से अन्दर-बाहर होते रहे हैं, परन्तु जब नेहरा ने वापसी की, तो यादगार वापसी कहलाई। 2003 विश्वकप में उन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध 23 रन दे कर 6 विकेट झटके थे ये उनके एकदिवसीय करियर का सबसे यादगार प्रदर्शन था।
आशीष नेहरा एकलौते भारतीय गेंदबाज हैं जिन्होंने 2 बार एकदिवसीय मैचों में 6 विकेट लिए हैं। उनका टेस्ट करियर साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ थम गया। उसके बाद वनडे टीम में उन्होंने वापसी की लेकिन 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले के बाद उन्होंने एक भी वनडे मुकाबला नहीं खेला। हाल ही में एिक इंटरव्यू के दौरान नेहरा ने कहा था मेरे घुटने की हालत ऐसी है सुबह उठाने के आधे घंटे के बाद में चलने की हालत में आता हूं। बॉडी में इंजरी नहीं है, इंजरी में बॉडी है। चोट के बाद आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर नेहरा ने क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप टी20 में वापसी की, उसके बाद वह भारतीय टीम के लिए टी20 क्रिकेट में बने हुए हैं। हालांकि उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था लेकिन ऑस्ट्रेलिया सीरीज में उन्होंने वापसी की है अब देखना होगा कप्तान कोहली इस आखरी टी20 मुकाबले में नेहरा को मौका देते है या नहीं।