ओपनिंग में मयंक और पार्थिव
मुरली विजय और केएल राहुल का 2018 में ऐसा प्रदर्शन रहा है कि वे विश्व की सबसे खराब ओपनिंग जोड़ी बन गई है। इसलिए टीम मैनेजमेंट को कड़े फैसले लेते हुए इन दोनों को बाहर कर एंडिया ए और घरेलू मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे मयंक अग्रवाल और पार्थिव पटेल को मौका देना चाहिए। मयंक अग्रवाल काफी प्रतिभाशानी बल्लेबाज हैं और उनके आंकड़े भी काफी प्रभावशाली हैं। इस वजह से पृथ्वी शॉ के चोटिल होने पर वही टीम इंडिया के शीर्ष क्रम में मुरली विजय की जगह पाने के स्वाभाविक दावेदार हैं।
इसके बाद देश के सबसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज बताए जाने वाले केएल का नंबर आता है। वह लगातार मौकों के बाद भी खुद को साबित नहीं कर पाए हैं। इसलिए उनकी जगह विकेटकीपर और सलामी बल्लेबाज पार्थिव पटेल को मौका दिया जाना चाहिए। पार्थिव के पास काफी अनुभव भी है और विदेशी पिचों पर उनका प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा है। इसका एक फायदा यह भी मिलेगा की ओपनिंग में लेफ्ट-राइट का कॉम्बिनेशन बन जाएगा। गेंदबाजों को लाइन लेंथ बार-बार बदलनी पड़ेगी, जिससे उनकी लय बिगड़ने का खतरा रहेगा। दूसरा फायदा यह मिलेगा कि निचले क्रम की बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे रिषभ पंत को खेलाने की मजबूरी नहीं रहेगी और उनकी जगह एक आलराउंडर की जगह बन सकती है।
एक आलराउंडर और एक विशेषज्ञ स्पिनर
रिषभ पंत युवा हैं और संभव है कि आने वाले दिनों में भारतीय टीम के मजबूत आधार स्तंभ भी बने। लेकिन वह बार-बार एक ही गलती कर रहे हैं। गलत शॉट चयन की वजह से जमने के बाद विकेट गंवा रहे हैं। रिषभ ने हालांकि विकेट के पीछे एक टेस्ट में 11 कैच पकड़ कर विश्व रिकॉर्ड जरूर बनाया है, लेकिन यह मौके की बात है। सच तो यह है कि विकेट के पीछे भी वह साहा और धोनी जितने चपल साबित नहीं हुए हैं। इसलिए उनकी जगह बॉलिंग आलराउंडर हार्दिक पांड्या को इस सीरीज में जगह देना बेहतर होगा। इससे भारत को एक अतिरिक्त गेंदबाज खेलाने का मौका मिल जाएगा और बल्लेबाजी पर भी बोझ नहीं पडेगा। हालांकि पांड्या का प्रदर्शन भी प्रभावशाली नहीं है, लेकिन इस समय टीम इंडिया में उनके अलावा इस क्रम पर बल्लेबाजी करने और साथ में गेंदबाजी करने वाले किसी और प्लेयर का विकल्प नहीं है। इसके बाद पर्थ टेस्ट की तरह भारत को विशुद्ध चार तेज गेंदबाजों को लेकर उतरने से बचना होगा। ऐसे भी पांड्या के टीम में होने से वह चौथ बॉलर का काम कर लेंगे। इसलिए पर्थ में साधारण प्रदर्शन करने वाले उमेश यादव की जगह अगर आर अश्विन फिट होते हैं तो उन्हें या फिर रविंद्र जडेजा में से किसी एक को मौका देना चाहिए। जडेजा अच्छी बल्लेबाजी भी कर लेते हैं तो वह टीम इंडिया के लिए बोनस की तरह होगा।