बाबर ने बताया, “मैंने आयरलैंड और इंग्लैंड में जो पारियां खेलीं उससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। उस परिस्थिति में खेलने से टेस्ट क्रिकेट को लेकर मेरी थोड़ी-बहुत मानसिकता बदली। मैंने यह सीखा कि अपनी पारी को कैसे आगे बढ़ाना है, कैस पिच पर टिकना है और कैसे रन बनाने हैं। मैंने उस अनुभव से बहुत कुछ सीखा और दुबई में अपने अच्छे फॉर्म को जारी रखा और मुझे उम्मीद है कि मैं आगे भी इसे जारी रख पाऊंगा।”भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर नाबाद 68 रनों की दमदार पारी खेली थी लेकिन चोट के कारण उन्हें सीरीज से बाहर होना पड़ा था। कुछ महीनों बाद उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 99 रन बनाए जिससे उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भी एक बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में देखा जाने लगा।
बाबर ने कहा, “जब आप अच्छा प्रदर्शन करने लग जाते हैं तब आपका आत्मविश्वास काफी बढ़ता है। उस सीरीज के बाद से मैं वैसा ही प्रदर्शन कर रहा हूं जैसा मैं करना चाहता था। पिछले दौरे पर मैंने अधिक रन बनाने का लक्ष्य रखा था। मुझे आस्ट्रेलिया के खिलाफ 99 रन पर आउट होने को दुख हुआ लेकिन फिर भी इससे मेरा आत्मविश्वास बहुत बढ़ा।”