जी हां! ख़राब फॉर्म से परेशान कार्तिक ने अपने खेल को सुधरने के लिए एक अजीबो-गरीब तरीका अपनाया। कार्तिक ने अपना गेम बदलने के लिए खुद को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया जिसका खुलासा उनके दोस्त अभिषेक नायर ने किया था। नायर ने बताया कि साल 2016 में आईपीएल शुरू होने से पहले दिनेश कार्तिक को ‘हाउस ऑफ पेन’ में रखा गया था। दरअसल, कार्तिक का प्रदर्शन उन दिनों काफी निराशाजनक हो गया था, खराब प्रदर्शन से निराश इस बल्लेबाज ने खुद नायर से मदद मांगी, जिसके बाद नायर ने उनकी मदद करने का बेहद ही अनोखा रास्ता अपनाया।
कार्तिक अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आ सकें इसके लिए नायर ने मुंबई में अपने घर में ‘टॉर्चर रूम’ बनवाया। यह कमरा बेहद ही छोटा था, शुरू होने के साथ ही खत्म हो जाता था। बाथरूम में शावर कभी काम करता तो कभी खराब हो जाता, उन्हें बाल्टी और मग भी टूटे हुए दिए गए। इस कमरे की सफाई से लेकर हर चीज़ की जिम्मेदारी कार्तिक खुद उठाते थे। कोई नौकर नहीं कोई लक्जरी नहीं। कार्तिक के लिए ये कमरा यह एक टॉर्चर रूम जैसा था। इस से पहले उन्हें आरामदायक जिंदगी जीने की आदत थी। बता दें कार्तिक चेन्नई में एक आलीशान बंगले में रहते हैं। ऐसे में उनका इस टॉर्चर रूम में रह पाना बेहद मुश्किल था।
नायर ने बताया कार्तिक के लिए उस छोटे से कमरे में रहना काफी मुश्किल था और वह कई बार मेरे ऊपर गुस्सा भी करता था। एक बार कार्तिक ने बोला कि मैं उसे होटल के कमरे में रहने दूं, लेकिन मैंने उसकी बात नहीं सुनी। उन दिनों कार्तिक का प्रदर्शन बेहद ख़राब था। रणजी क्रिकेट में भी कार्तिक अच्छा नहीं खेल रहे थे ऐसे में नायर ने मुंबई में एक लोकल कोच अपूर्व देसाई से कार्तिक की मुलाकात करवाई और दिनेश के लिए रूटीन तैयार किया। कार्तिक को उस दौरान ना केवल टॉर्चर रूम में रहना पड़ा बल्कि उन्हें कठिन ट्रेनिंग भी करनी पड़ी।
नायर ने आगे बताया के वो लोग कार्तिक को दिन में दो बार ट्रेनिंग देते थे। उनकी ये कठिन ट्रेनिंग ही है जो अब निखार कर आ रही है। बता दें कार्तिक ने उस साल गुजरात लायन्स के लिए अच्छा प्रदर्शन किया था। आज दिनेश कार्तिक कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान है और भारतीय वनडे टीम का हिस्सा भी हैं। निदाहास ट्रॉफी के फाइनल में कार्तिक ने आखिरी गेंद में सिक्स मारकर भारत को जिताया था। उनका ये प्रदर्शन उनके करियर का अबतक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। इसके लिए उन्हें क्रिकेट फैंस हमेशा याद रखेंगे।