क्रिकेट में नहीं बनी बात –
तेजस्वी का बचपन पटना में गुजरा है। उनकी पढ़ाई भी यहीं के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में हुई है। लेकिन 9वीं के बाद पढ़ाई छोड़कर वो दिल्ली चले गए। बचपन से ही उनकी रुची क्रिकेट में थी। इसलिए वो दिल्ली में जाकर क्रिकेट के गुर सिखने लगे। इसके लिए उन्हें अपने पिता लालू यादव से भी पूरा सपोर्ट मिल रहा था। तेजस्वी दिल्ली की तरफ से अंडर 19 टीम में चुने गए। इसके बाद तेजस्वी ने झारखंड के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला और रणजी टीम में भी जगह बनाई। तेजस्वी ने अपने छोटे से क्रिकेट करियर में फर्स्ट क्लास का 1 मैच, 2 लिस्ट ए मैच और 4 टी-20 मैच खेला है। 14 फरवरी 2010 को उन्होंने झारखण्ड के लिए पहला लिस्ट ए मैच खेला था। वहीं, साल 2009 में 20 अक्टूबर को उन्होंने पहला टी-20 मैच खेला था। हालांकि वे ज्यादा कुछ कर नहीं पाए। तेजस्वी के क्रिकेट करियर का टॉप स्कोर 19 रन है और बॉलिंग में उन्होंने 10 रन देकर 1 विकेट ले रखा है। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि वो बॉल को स्विंग कराने में माहिर थे।
बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं –
इतना ही नहीं तेजस्वी दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का भी हिस्सा रह चुके हैं। उन्हें साल 2009 में दिल्ली डेयरडेविल्स ने ख़रीदा था। वे साल 2009 से 2012 तक दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा रहे। हालांकि इस बीच उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला। तेजस्वी क्रिकेट में तो असफल रहे। लेकिन राजनीति की खेल में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। पहली बार उन्होंने 2015 में राजद के टिकट पर राघोपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक बने। इसके बाद उन्हें बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया गया। वहीं, जदयू से गठबंधन टूटने के बाद 2017 में वो उपमुख्यमंत्री के पद से हट गए। फिलहाल वह बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं।