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लॉकडाउन में युजवेंद्र चहल शतरंज का टूर्नामेंट खेलने उतरे

Published: Apr 06, 2020 04:35:57 pm

Submitted by:

Mazkoor

Team India के लेग लेग स्पिनर Yuzvendra Chahal शतरंज के भी अच्छे खिलाड़ी हैं। वह अंडर-12 चैम्पियन रह चुके हैं।

Yuzvendra chahal chess

Yuzvendra chahal chess

नई दिल्ली : कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण देश में लगे लॉकडाउन की वजह से टीम इंडिया (Team India) के दिग्गज लेग लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) को अपने पहले प्यार क्रिकेट से दूर दिया है। लेकिन उन्हें अपने दूसरे शौक शतरंज के करीब वापस लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने एक ऑनलाइन ब्लिट्ज चेस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। बता दें कि चहल पूर्व राष्ट्रीय अंडर-12 चैम्पियन रह चुके हैं। वह विश्व युवा चेस चैम्पियनशिप में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह अब भी विश्व शतरंज महासंघ की वेबसाइट में भी शामिल है और उनकी ईएलओ रेटिंग 1956 है।

बोले, चेस से मिली क्रिकेट में मदद

शतरंज के खिलाड़ी से क्रिकेटर बने युजवेंद्र चहल ने बताया कि चेस के कारण उन्हें क्रिकेट में काफी मदद मिली। इसी खेल ने उन्हें क्रिकेट के मैदान पर संयमित रहना सिखाया। चहल ने बताया कि टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उन्होंने ग्रैंडमास्टर अभिजीत गुप्ता और अंतरराष्ट्रीय मास्टर राकेश कुलकर्णी से बातचीत की। उनसे बातीचीत के दौरान उन्होंने कहा कि शतरंज ने उन्हें संयम बरतना सिखाया। क्रिकेट में आप भले ही अच्छी गेंदबाजी कर रहे हो, लेकिन संभव है कि विकेट नहीं मिलें। वैसे ही टेस्ट मैच में पूरे दिन अच्छी गेंदबाजी करने के बावजूद विकेट नहीं मिल सकता है, लेकिन आपको अगले दिन फिर वापस आकर गेंदबाजी करनी होती है। इसलिए संयमित होने की जरूरत होती है। शतरंज ने इसमें मेरी काफी मदद की है। उन्होंने इससे धैर्य से गेंदबाजी कर बल्लेबाज को आउट करना सीखा है।

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क्रिकेट था ज्यादा पसंद

चहल ने यह भी बताया कि अंडर-12 में राष्ट्रीय चैम्पियन बनने के बावजूद उन्होंने क्यों क्रिकेट अपनाया। उन्होंने कहा कि क्रिकेट में शतरंज से ज्यादा दिलचस्पी थी। इस कारण उन्होंने क्रिकेट को चुना। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्हें शतरंज और क्रिकेट के बीच चयन करना था तो उन्होंने अपने पापा से इस बरे में बात की थी। लेकिन उन्होंने मुझ पर ही छोड़ दिया। बोले, तुम्हारी मर्जी।

कई साल बाद इतने समय तक घर पर हैं चहल

अगर आईपीएल हो रहा होता तो युजवेंद्र चहल को घर पर रहने का अब भी मौका नहीं मिलता। वह इस टूर्नामेंट में खेल रहे होते। लेकिन लॉकडाउन के कारण वह घर पर समय बिता रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि परिवार के साथ वक्त बिताने का ज्यादा मौका नहीं मिल पाता। वह कई साल के बाद इतने समय तक घर पर हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए अच्छा और नया अनुभव है। उन्होंने कहा कि देर रात तक सोते हैं और सुबह देर से जगते हैं। उन्होंने कहा कि उनके आदर्श लेग स्पिनर शेन वार्न हैं और जब भी समय मिलता है, वह शतरंज देखते हैं और आनलाइन गेम खेलते हैं।

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विश्व कप में प्लेसिस का विकेट सर्वश्रेष्ठ

भारत के लिए 52 वनडे और 42 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके चहल ने कहा कि इंग्लैंड में 2019 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस के लिया विकेट उनके सर्वश्रेष्ठ विकेटों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह उनका पहला विश्व कप था। उन्होंने प्लेसिस को आउट किया, जो बड़े मैच में बड़ा विकेट था। चहल ने अपनी गेंदबाजी को लेकर कहा कि वह काफी योजनाएं बनाते हैं और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी से चर्चा करते हैं।

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