क्रिकेटर परवेज रसूल ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि पिच रोलर कोई टेनिस बॉल की तरह नहीं है, जिसे वह अपनी जेब में रख सकते हैं और जहां चाहें घूम सकते हैं। साथ ही परवेज ने कहा कि वह वास्तव में नहीं जानते कि ये चीजें यहां क्यों हो रही हैं। परवेज ने कहा कि उन्हें एक ‘दूसरा नोटिस’ मिला, जिसमें कहा गया था कि उन्हें 5 जुलाई को नोटिस भेजा था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा नियुक्त JKCA तीन सदस्यीय उप-समिति में शामिल भाजपा प्रवक्ता ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) अनिल गुप्ता का कहना है कि रसूल को ईमेल के जरिए नोटिस भेजा गया था।
परवेज रसूल ने JKCA के नोटिस पर साल उठाते हुए कहा कि उन्हें शुरुआती नोटिस मिला ही नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह जेकेसीए रिकॉर्ड बुक में है तो उन्हें पहला नोटिस क्यों नहीं भेजा गया और इसके बजाय मुझे दूसरा नोटिस भेजा गया। उन्होंने इस मामले में पक्षपात के आरोप लगाए। साथ ही परवेज ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आता कि उन्हें ई-मेल क्यों भेजा गया। खासकर जब उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। परवेज का मानना है कि इसके लिए जिला पदाधिकारियों को लिखना चाहि।
ऑलराउंडर परवेज ने इस मामले में एक पदाधिकारी द्वारा किए कमेंट पर भी आपत्ति जताई। परवेज का कहना हे कि वह तब और परेशान हो गए जब एक पदाधिकारी ने सोशल साइट पर लिखा कि रसूल को एक लंबी रस्सी देने की जरूरत है ताकि वह फांसी लगा सकें। परवेज का कहना है कि पदाधिकारी ने बाद में अपनी पोस्ट हटा ली। लेकिन उनके पास कमेंट का स्क्रीनशॉट है। क्रिकेटर का कहना है कि उन्होंने ऐसा क्या गलत किया है कि जो उन्हें फांसी की जरूरत है?