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रणजी रद्द होने से खिलाड़ियों की हालत खस्ता
रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण रणजी ट्रॉफी का पिछला सीजन रद्द होने से घरेलू क्रिकेटर्स की हालत खस्ता हो गई है। उनके पास ना नौकरी और ना कोई बिजनेस। ऐसे में वे मारे-मारे फिर रहे हैं। इस बीच सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने कहा कि मुझे अनुबंध की जरूरत नहीं है, लेकिन राज्य के शीर्ष 30 खिलाड़ियों को अनुबंध दिया जाना चाहिए।
‘शीर्ष 30 खिलाड़ियों को मिलना चाहिए अनुबंध’
उनादकट का कहना है कि 87 साल में पिछले साल ऐसा पहली बार हुआ है जब रणजी ट्रॉफी रद्द हुई है। ऐसे में घरेलू क्रिकेटर्स के खाने के लाले पड़ गए हैं। क्योंकि रणजी के एक सत्र से एक क्रिकेटर 15 से 16 लाख रुपए की कमाई करता है। वैसे सभी को अनुबंद दिया जा सकता है, लेकिन और कुछ हो ना हो शीर्ष 30 खिलाड़ियों को तो अनुबंध देना चाहिए। इससे युवा खिलाड़ी प्रेरित होंगे और एक अच्छा मैसेज जाएगा।
‘अधिकांश खिलाड़ी नहीं खेलते आईपीएल’
आईपीएल 2021 में कोलकाता नाइट राइडर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी शेल्डन जैकसन का कहना है कि घरेलू क्रिकेट में खेलने वाले अधिकांश खिलाड़ी आईपीएल नहीं खेलते। ना उनके पास नौकरी और ना कोई और बिजनेस। इसलिए राज्य संघों को ऐसे खिलाड़ियों को अनुबंध देने चाहिए। इससे ये साबित होगा कि राज्य संघ भी क्रिकेटरों की देखभाल करते हैं खासकर इस कोरोना काल में। गौतलब है कि भाटिया फिलहाल ब्रिटेन में हैं और वे वहां ब्रिटेन क्लब से क्रिकेट खेल रहे हैं।
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‘महिला क्रिकेटर्स को भी मिलना चाहिए अनुबंध’
जैकसन ने कहा,’पुरुष क्रिकेटर्स ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी अनुबंध मिलना चाहिए। बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरूण धूमल पहले ही कह चुके हैं कि बोर्ड राज्य संघों के साथ मिलकर मुआवजे के पैकेज पर काम रहा है।’