विराट कोहली ने आगे कहा, ‘मेरी कजिन सिस्टर घर में थी जब मैंने उससे पूछा कि बाकी सभी लोग कहां है? तो उसने मुझसे कहा कि वो लोग रेगुलर चेक-अप के लिए गए हैं। मैंने उससे पूछा घरके सभी लोग क्यों चेकअप के लिए गए हैं। ये बात ठीक नहीं लग रही है। फिर उसने मुझे सब बताया और मैं उसके साथ अपने पिता के पास गया। मैंने अपने पिता को पहले कभी इस हालत में नहीं देखा था। वो सेल्फमेड मैन थे लेकिन आखिर में वो पूरी तरह से टूट गए थे।’
विराट कोहली ने कहा, ‘ये दिन के 2.30 से 3 बजे के बीच हुआ था। हम सब उठे हमें नहीं पता था कि अब हमें क्या करना है। जब तक हम उठे वो अपना शरीर छोड़ चुके थे। मैंने उन्हें उनकी आखिरी सांस मेरे सामने लेते हुए देखा था। मैंने उनकी चेस्ट को पंप करने की कोशिश की थी लेकिन, कुछ काम नहीं आया। हम जहां पर रहते थे वहां आसपास कुछ डॉक्टर भी थे लेकिन, जब हम उनके घर गए तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला क्योंकि सुबह के 3 बजे थे।’
विराट कोहली ने बताया, ‘हमें किसी भी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। हम उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी। मेरी मां और बहन टूट गई थीं और रोने लगी थीं लेकिन, मेरी आंखों में आंसू नहीं थे और मैं सन्न था। मुझे नहीं पता उस वक्त मैं क्यों नहीं रोया मेरे अंदर कुछ चल रहा था। अगले दिन जब मुझे कोच का फोन आया और मैंने उन्हें सारी बातें बताई तब उन्होंने मुझसे पूछा था कि तुम क्या करना चाहते हो। मैंने कहा मैं खेलूंगा, मैं क्रिकेट मैच नहीं छोड़ सकता हूं।’
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विराट कोहली ने बताया, ‘हमें किसी भी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। हम उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन, तब तक काफी देर हो चुकी थी। मेरी मां और बहन टूट गई थीं और रोने लगी थीं लेकिन, मेरी आंखों में आंसू नहीं थे और मैं सन्न था। मुझे नहीं पता उस वक्त मैं क्यों नहीं रोया मेरे अंदर कुछ चल रहा था। अगले दिन जब मुझे कोच का फोन आया और मैंने उन्हें सारी बातें बताई तब उन्होंने मुझसे पूछा था कि तुम क्या करना चाहते हो। मैंने कहा मैं खेलूंगा, मैं क्रिकेट मैच नहीं छोड़ सकता हूं।’
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