हशमतुल्लाह शाहिदी ने बताया कारण
शाहिदी ने कहा कि पिछले साल उनके पिता का निधन हो गया था और वह नहीं चाहते थे कि उनकी चोट को लेकर मां चिंतित हो। अगर वह डॉक्टरों की सलाह मानकर रिटायर्ड हर्ट हो जाते तो मां परेशान हो जाती। वह मां को दुखी नहीं देखना चाहते थे। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार इस मुकाबले को देख रहा था। उनके बड़े भाई भी मैदान में थे। वह नहीं चाहते थे कि उनका परिवार चिंतित हो। इसलिए वह उठ खड़े हुए और उन्होंने हेलमेट बदलकर खेलना जारी रखा।
अफगान के राष्ट्रपति भी देख रहे थे मैच
बता दें कि इस मैच को देखने के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भी मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में मौजूद थे। डॉक्टरों ने चोट का मुआयना करने के बाद शाहिदी को तुरंत मैदान से बाहर जाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि उनका हेलमेट बीच से टूट गया था। आईसीसी के डॉक्टर और अफगानिस्तान टीम के फिजियो उनके पास आए थे। दोनों ने उन्हें मैदान से बाहर जाने की सलाह दी। लेकिन उन्होंने कहा कि टीम को उनकी जरूरत है। वह इस स्थिति में टीम को नहीं छोड़ सकते।
अफगानिस्तान के अधिकारी ने भी की पुष्टि
अफगानिस्तान टीम के अधिकारी नावेद सायेह ने भी इस बात की पुष्टि की कि डॉक्टरों ने शाहिदी को मैदान से बाहर जाने को कहा था, लेकिन उन्होंने डॉक्टरों की राय नहीं मानी। उन्होंने कहा कि वह ठीक हैं और बल्लेबाजी जारी रखना चाहते हैं। शाहिदी ने कहा कि मैच के बाद वह एक बार फिर आईसीसी के डॉक्टर के पास गए। उन्होंने कहा कि घबराने जैसी कोई बात नहीं। सब ठीक है।