युवा सलामी जोड़ी का अच्छी शुरुआत न दे पाना
इस सीरीज में भारत की तरफ से पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल ने वनडे में डेब्यू किया। इन दोनों को नियमित सलामी जोड़ी रोहित शर्मा और शिखर धवन के चोटिल होने की वजह से टीम इंडिया में मौका मिला था। विराट ने केएल राहुल को मध्यक्रम में जगह देकर इन्हें बतौर सलामी बल्लेबाज मौका दिया था, लेकिन ये दोनों टीम इंडिया को मनमाफिक शुरुआत दिला पाने में विफल रहे।
इस वनडे टीम में भारत की तरफ से बल्लेबाजी के आधार स्तंभ थे टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohi)। रोहित शर्मा और शिखर धवन की गैरमौजूदगी में एकदम युवा टीम में वही इकलौते अनुभवी बल्लेबाज थे। इसके अलावा उनकी गिनती विश्व के समकालीन सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में होती है। वह इस सीरीज में बुरी तरह फ्लॉप रहे। इस तीन मैचों की द्विपक्षीय सीरीज में 25 की औसत से महज 75 रन बना सके। इस कारण भारतीय बल्लेबाजी का पूरा भार युवा खिलाड़ियों पर आ गया। बता दें कि इससे पहले सिर्फ एक और बार ऐसा हुआ है, जब द्विपक्षीय सीरीज में बतौर कप्तान विराट कोहली 100 रन भी नहीं बना पाए हैं। 2019 में वह विंडीज के खिलाफ भी विफल रहे थे। उस सीरीज में वह महज 89 रन बना सके थे।
जसप्रीत बुमराह का एक भी विकेट न लेना
बल्लेबाजी में विराट कोहली की जो स्थिति टीम इंडिया में है, वही हाल गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) का है। लेकिन वह इस वनडे सीरीज में अपनी ख्याति के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए। तीन मैचों की वनडे सीरीज में वह एक भी विकेट नहीं ले पाए। ऐसा पहली बार हुआ कि वह तीन वनडे मैच की सीरीज में एक भी विकेट नहीं ले पाए हों। इतना ही नहीं, वह इसके पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए वनडे सीरीज के आखिरी मैच में भी विकेट नहीं ले पाए थे। यानी पिछले चार वनडे मैचों से वह एक भी विकेट नहीं ले पाए हैं। विश्व क्रिकेट के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में शुमार जसप्रीत बुमराह चोट से वापसी करने के बाद से ही पूरी तरह से लय में नहीं दिख रहे हैं। इसी का खामियाजा टीम इंडिया को उठाना पड़ा।
एक तरफ जसप्रीत बुमराह लय में नहीं थे। वहीं कप्तान विराट कोहली ने 21 फरवरी से होने वाली टेस्ट सीरीज को देखते हुए पहले वनडे के बाद मोहम्मद शमी को बाकी के दो वनडे मैच में आराम दिया। उनकी जगह पर टीम में खेल रहे दो युवा तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर और नवदीप सैनी की अनुभवहीनता आड़े आई और इसका खामियाजा भी टीम इंडिया को भुगतना पड़ा।
खराब क्षेत्ररक्षण बनी समस्या
कीवी दौरे पर भारत के लिए खराब क्षेत्ररक्षण बड़ी समस्या बनी हुई है। लगभग हर मैच में भारतीय क्षेत्ररक्षकों ने कैच छोड़े। इतना ही नहीं जमीनी क्षेत्ररक्षण भी इस पूरे दौरे पर अच्छा नहीं दिखा। इस कारण भारत ने कई अतिरिक्त रन गंवाए। इसका भी खामियाजा टीम इंडिया को भुगतना पड़ा।