इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया था। टीम ने पहली पारी 502/7 रन बनाकर घोषित की थी। इसके जवाब में साउथ अफ्रीका ने भी दमदार चुनौती देते हुए पहली पारी में 431 रन बनाए थे।
दूसरी पारी में भारतीय क्रिकेट टीम ने तेजी से रन बनाते हुए पारी 323/4 रनों पर घोषित की। इसके बाद 395 रनों के लक्ष्य के जवाब में मेहमान टीम 191 रन ही बना सकी और मुकाबला विशाल अंतर से हार गई।
ये रहे टीम इंडिया की जीत के हीरो-
रोहित शर्मा-
लंबे समय से इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे विस्फोटक बल्लेबाज रोहित शर्मा टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए संघर्षरत थे। इस मैच में उन्हें बतौर ओपनर मैदान में उतारा गया। टीम मैनेजमेंट का यह फैसला सही साबित हुआ और रोहित ने दोनों ही पारियों में शानदार शतक ठोक दिए। रोहित ने पहली पारी में 176 और दूसरी पारी में 127 रनों की धुआंधार पारी खेलकर टीम के लिए मजबूत आधार स्थापित किया।
मयंक अग्रवाल-
घरेलू क्रिकेट में रनों की बरसात करने वाले युवा मयंक अग्रवाल ने टीम इंडिया के लिए अब केवल पांच टेस्ट मैच ही खेलें हैं लेकिन वे इतने कम मैचों में ही धांसू छाप छोड़ चुके हैं। मयंक ने अपना अपना पहला शतक की दोहरे शतक में तब्दील कर टीम इंडिया को न केवल मजबूती दी बल्कि इस बात पर भी मुहर लगा दी कि टीम यहां से कम से कम मैच हारेगी तो नहीं। उन्होंने मैच में 371 गेंदों का सामना करते हुए 215 रन बनाए।
रविचंद्रन अश्विन-
टीम इंडिया के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पहली पारी में सात विकेट लेकर साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम को विशाल स्कोर तक जाने से रोक दिया। अगर उस समय अश्विन नियमित अंतराल में विकेट नहीं लेते तो मेहमान टीम का स्कोर कहीं अधिक होता और उस स्थिति में मैच में जीत की संभावना कम होती ड्रॉ की ज्यादा। वैस यह मैच अश्विन के लिए इस लिहाज से भी खास रहा कि इस मैच में उन्होंने अपनी अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट के 350 विकेट भी पूरे किए।
उन्होंने 66वें मैच में इस उपलब्धि को हासिल किया। श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन ने भी इतने मैच खेलकर ही 350 विकेट लिए थे। टेस्ट में सबसे तेज 350 विकेट लेने का रिकॉर्ड इन दोनों की गेंदबाजों के नाम संयुक्त रूप से है। एक रोचक बात ये भी है कि भारत के सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले को इतने ही विकेट लेने के लिए 76 मैच खेलने पड़े थे।
रवींद्र जडेजा-
ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा बढ़ती उम्र के साथ ही टीम इंडिया के लिए उपोगी साबित होते जा रहे हैं। जडेजा ने मैच में अंतिम दिन शानदार गेंदबाजी करते हुए चार विकेट अपनी झोली में डाले। इनमें से तीन विकेट तो उन्होंने एक ही ओवर में लिए जो साउथ के लिए सबसे बड़ा झटका साबित हुआ। उन्होंने पहली पारी में भी दो विकेट लिए थे। जडेजा ने गेंद से ही नहीं बल्ले से भी कमाल का प्रदर्शन किया और टीम के लिए पहली पारी में 30 और दूसरी पारी में तेजतर्रार 40 रन ठोक दिए।
मोहम्मद शमी-
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के लिए भी यह मैच खासा यादगार बन गया। शमी ने दूसरी पारी में में जिस तरह की गेंदबाजी उससे कहीं भी जसप्रीत बुमराह की कमी महसूस नहीं हुई। शमी ने मैच के अंतिम दिन ग्यारह ओवर गेंदबाजी कर मात्र 35 रन खर्च करते हुए 5 विकेट अपनी झोली में डाले।