ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले पहले मुस्लिम क्रिकेटर बने ख्वाजा ने अभी तक 24 टेस्ट मैच में 45.47 के रनऔसत से 1728 रन बनाए हैं और वे आगामी एशेज सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई टीम में नंबर-3 पोजिशन के तगड़े दावेदार हैं। उन्होंने लिखा, मेरे जूनियर क्रिकेट के दिनों में विपक्षी क्रिकेटरों और यहां तक कि उनके अभिभावकों की तरफ से मेरे ऊपर नस्ली टिप्पणियां करना आम बात होती थी। कुछ तो इतना धीमे से टिप्पणी करते थे कि बस मुझे ही सुनाई देती थी। ये मुझे अब भी आहत करती हैं, लेकिन मैंने कभी जाहिर नहीं होने दिया। अधिकतर ऐसी टिप्पणियां तब आती थीं, जब मैं रन बनाता था। कुछ अभिभावक इसे बेहद गंभीरता से लेते थे।
ख्वाजा ने आगे लिखा है कि ये एक बड़ा कारण है कि मेरे बहुत सारे दोस्त, जिनमें से अधिकतर ऑस्ट्रेलिया से बाहर पैदा हुए हैं, किसी भी खेल प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया का समर्थन नहीं करते। खासतौर पर क्रिकेट में, ये वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, भारत, श्रीलंका या कोई और देश का समर्थन करते हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम चयन में भी पूर्व में नस्लभेद का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, इसमें कोई शक नहीं कि पूर्व में नस्लवाद और राजनीति चयन में एक बड़ी भूमिका निभाते थे।