वहीं पंत ने बताया कि मैच के दौरान उन्हें अंपायरों ने अपना ‘स्टांस’ बदलने के लिए कहा क्योंकि स्विंग से निपटने के लिए क्रीज के बाहर खड़े होने से पिच के ‘डेंजर एरिया’ (स्टंप के सीध में पिच का क्षेत्र) में पांवों के निशान बन रहे थे। वहीं गावस्कर का इस मामले में कहना है कि पिच पर जूते से बनने वाले निशान किसी बल्लेबाज के ‘स्टांस’ का निर्धारण नहीं करते। गावस्कर का कहना है कि वह सोच रहे थे कि पंत को ‘स्टांस’ बदलने के लिए क्यों कहा गया।
गावस्कर का कहना है कि उन्होंने इस बारे में केवल पढ़ा है। उनका कहना है कि बल्लेबाज पिच पर कहीं भी खड़ा हो सकता है, यहां तक कि पिच के बीच में भी। साथ ही गावस्कर का कहना है कि कई बार जब बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ आगे निकलकर खेलते हैं तब भी पैरों के निशान बन सकते हैं। वहीं भारत के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भी इसे ‘बेतुका’ बताया।
पंत ने बताया कि जब वह क्रीज के बाहर खड़े थे तो उनका अगला पांव ‘डेंजर एरिया’ में आ रहा था इसलिए अंपायरों ने उनसे कहा कि वह यहां पर खड़े नहीं हो सकते हैं। पंत का कहना है कि एक क्रिकेटर होने के नाते वह इस बारे में अधिक नहीं सोचते क्योंकि जो भी ऐसा करता, अंपायर उससे भी वही बात करते। इसके बाद अगली गेंद पर पंत ने वैसा नहीं किया।