तेज गेंदबाज नहीं छोड़ सके प्रभाव
इस मैदान पर इशांत शर्मा की पहली ही गेंद दिशाहीन थी। उन्होंने उसे लेग साइड पर डाल दिया। इसके बाद भी पहले स्पेल में वह दिशा पर नियंत्रण के लिए भटकते रहे। ऐसा लग रहा था कि पिछले मैच में निर्णायक मौके पर उनके द्वारा डाली गई नो बॉल का असर इस बार भी उन पर जबरदस्त था, इस वजह से वह नो बॉल न फेंकने के चक्कर में दिशा ही भूल गए। जसप्रीत बुमराह ने भी काफी शार्ट ऑफ लेंथ गेंदें डाली। नई गेंद से गेंदबाजी करने वाले ये दोनों गेंदबाज प्रभावहीन रहे। पहले बदलाव के रूप में 9वां ओवर लेकर उमेश यादव आए, लेकिन वह भी आस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाजों पर कोई असर नहीं छोड़ सके। हां, पहले सत्र में मोहम्मद शमी ने जरूर प्रभावी गेंदबाजी की। वह गेंदबाजी पर 12वें ओवर में लगाए गए और आते ही बल्लेबाजों को परेशानी में डाला। इससे बल्लेबाज रक्षात्मक हो गए। उनकी गेंद पर फिंच एलबीडब्ल्यू आउट होने से भी बचे। लेकिन दूसरे छोर से उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इस वजह से आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई और पहला सत्र बिना विकेट खोए निकाल दिया। दूसरे सत्र में भी भारतीय तेज गेंदबाज बीच-बीच में अपनी चमक दिखाते रहे, लेकिन लगातार प्रभाव छोड़ने में कामयाब नहीं हो सके। हां, तीसरे सत्र में जरूर उन्होंने वापसी की, लेकिन उसमें भी तेज गेंदबाजों से ज्यादा पार्ट टाइम गेंदबाज हनुमा बिहारी का योगदान ज्यादा रहा। उन्हें टर्न तथा उछाल दोनों मिला।
पिच पर नहीं दिखी वैसी तेजी
जैसा कि क्रिकेट विशेषज्ञ और भारतीय टीम मैनेजमेंट उम्मीद कर रहा था, पिच से भारतीय तेज गेंदबाजों को वैसी मदद मिलती नहीं दिखी। छोड़ी गई घास के बावजूद पर्थ की पिच पर वैसी पारंपरिक गति और उछाल नहीं दिखी। गेंद रुक-रुक कर आ रही है और पहले ही दिन हनुमा बिहारी को मिली टर्न तथा उछाल को देख कर साफ लग रहा है कि दूसरे टेस्ट में भारत को स्पिनर की कमी काफी खल सकती है। बता दें कि भारत दूसरे टेस्ट में चार तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव को लेकर उतरी है। स्पिनर के नाम पर कहने को उसके पास सिर्फ पार्ट टाइमर हनुमा बिहारी ही हैं। यह हाल तो पहला ही दिन है, जरा सोचिए तीसरे दिन से जब पिच टूटना शुरू होगा, उसके बाद भारतीय टीम को एक अच्छे स्पिनर का न होना कितना खल सकता है।
पर्थ के कंडिशन को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
बता दें कि इस वक्त पर्थ में काफी गर्मी पड़ रही है। इस समय दिन के वक्त वहां का तापमान 38-40 डिग्री सेल्सियस के बीच रह रहा है। ऐसे में गर्मी की वजह से पिच तेजी से सूख कर टूटेगी। ऐसे में रफ एरिया और पिच से मिलने वाली टर्न का फायदा उठाने के लिए कोई स्पिनर भारतीय टीम में नहीं होगा, जबकि आस्ट्रेलिया के पास नाथन लियॉन जैसा शानदार स्पिनर है और इस पिच पर चौथी पारी भी भारत को ही खेलनी है। इस वजह से विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर आर अश्विन चोटिल थे तो उनकी जगह टीम में सबसे अच्छा विकल्प रविंद्र जडेजा ही थे। इसके अलावा अपनी गेंदों पर नियंत्रण और नई तथा पुरानी दोनों तरह की गेंद से स्विंग कराने के लिए ख्यात भुवनेश्वर को भी टीम में होना चाहिए था। इन दोनों का टीम में न होना टीम इंडिया को भारी पड़ सकता है।
मुरली विजय ने भी उठाया सवाल
पूर्व क्रिकेटर मुरली कार्तिक का कहना है कि चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला सही नहीं है। इससे उन पर दबाव पड़ेगा तथा इस गर्म वातावरण में अगर उन्हें लंबे स्पैल फेंकने पड़े तो वह थक जाएंगे। ऐसे वातावरण में एक स्पिनर होता तो तेज गेंदबाजों को राहत देता। इतनी गर्मी में तेज गेंदबाजों से 90 ओवर बोलिंग करवाना काफी थकान भरा हो सकता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि तेज गेंदबाज ही चुनना था तो उमेश यादव के स्थान पर भुवनेश्वर कुमार को चुनना बेहतर विकल्प रहता। उमेश के लिए पूरा सम्मान है, लेकिन इस विकेट पर भुवनेश्वर अधिक प्रभावी होते। भुवी हर विकेट पर अच्छी गेंदबाजी कर लेते हैं, जबकि उमेश कंडिशन बॉलर हैं। हालांकि वहीं वीवीएस लक्ष्मण ने टीम मैनेजमेंट के इस फैसले का बचाव किया और कहा कि चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का भारत का फैसला सही है, लेकिन वह भी उमेश की जगह टीम में भुवनेश्वर को देखना चाहते थे।