मुंबई। खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वेस्टइंडीज के हाथों गुरूवार को सेमीफाइनल में हार के साथ टी 20 वर्ल्ड कप से टीम के बाहर हो जाने पर गहरी निराशा जताई और इसके लिए गेंदबाजों को भी लताड़ा। भारतीय टीम ने कमाल की बल्लेबाजी करते हुए 192 रन का स्कोर बनाया लेकिन गेंदबाज इसका बचाव नहीं कर सके।
धोनी ने हार के बाद कहा, सबसे पहले तो इस मैदान पर टॉस हारना अच्छा नहीं था क्योंकि यहां पर ओस की अहम भूमिका रहती है। इसके बाद जब हमने गेंदबाजी शुरू की तो स्पिनरों के लिए ज्यादा कुछ करने को नहीं था। वर्ष 2007 में टी 20 वर्ल्ड कप दिला चुके कप्तान ने कहा, हमारे स्पिनरों को गीली गेंद से खेलने में बहुत समस्या रहती है और इसका तो इतिहास रहा है। लेकिन जिस बात से मैं निराश हूं वह मैच की वे दो नो बॉल रहीं जिसमें हमें कैच लपकने के बाद भी विकेट नहीं मिल सके।
मैच में कैरेबियाई बल्लेबाज लेंडल सिमंस को तीन बार जीवनदान मिला जिसमें दो बार उनका कैच लपकने के बावजूद विकेट नहीं मिल सका क्योंकि वह नो बॉल था। इसके बाद सिमंस ने नाबाद 83 रन की मैन आफ द मैच पारी खेलकर भारत को जीत से वंचित कर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
धोनी ने कहा, हमारे पास ज्यादा कुछ करने को नहीं था। हम चाहते थे कि हमारे तेज गेंदबाज उस समय आगे आकर कुछ करें। लेकिन परिस्थितियां बहुत ही मुश्किल थीं। यह टी 20 का प्रारूप है और इसकी अपनी मांग है। हमने पिछले कुछ मैच खेले हैं जो बहुत करीबी थे। लेकिन इस बार हम पिछड़ गए।
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