यहां भारत ने अबतक 7 मैच खेले हैं और इनमें से एक में भी उन्हें जीत हासिल नहीं हुई है। इस मैदान में भारत ने पहला टेस्ट 55 साल पहले 1967 में खेला था। उस मैच में मंसूर अली ख़ान पटौदी की कप्तानी वाली टीम को 132 रनों से हार झेलनी पड़ी थी। भरता यहां 7 मेन 6 मैच हारा है और एक ड्रा रहा। यह ड्रा मुक़ाबला भी 38 साल पहले खेला गया था। 1986 में टीम ने कपिल देव की कप्तानी में यह मैच ड्रा कराया था। हालांकि वो सीरीज भारत ने जीती थी। ऐसे में अगर भारत ये मैच जीत जाता है या ड्रा भी करा देता है तो दोहरा इतिहास रच देगा।
भारतीय टीम का इंग्लैंड के खिलाफ उनकी सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। 1932 से 2022 तक करीब 90 सालों में भारत ने अंग्रेजों की सरजमीं पर 18 टेस्ट सीरीज खेली हैं जिसमें से सिर्फ तीन में ही टीम को जीत मिली है। वहीं इंग्लैंड में भारत ने अबतक 66 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से सिर्फ 9 में ही जीत मिली है।
भारत ने इंग्लैंड में पहली सीरीज 1971 में अजीत वाडेकर की कप्तानी में जीती थी। भारत ने तीन मैचों की इस सीरीज के पहले दो टेस्ट मैच ड्रॉ करवाए थे। इसके बाद द ओवल में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच में इंग्लैंड को 4 विकेट से हराकर सीरीज पर 1-0 से अपने नाम कर ली थी।
उसके बाद 1986 में कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 15 साल बाद दूसरी सीरीज जीती। लॉर्ड्स में खेले गए सीरीज के पहले मैच में भारत ने इंग्लैंड को 5 विकेट से हराया था। इसके बाद लीड्स में में भी भारत ने इंग्लैंड को 279 रनों से हराया और आखिरी मैच बर्मिंघम में खेला गया जो ड्रा रहा था। भारत ने ये सीरीज 2-0 से जीती थी।
भारत तीसरी बार 2007 में टेस्ट सीरीज़ जीता था। 21 साल बाद राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में भारतीय टीम ने यह कारनामा किया था। उस सीरीज में भारत ने पहला और तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ करवाया था। जबकि नॉटिंघम के ट्रेंट ब्रिज में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच को भारतीय टीम ने 7 विकेट से जीता था। इस तरह भारत ने 1-0 से सीरीज अपने नाम की थी।