वैसे तो इस वर्ल्ड कप जीत के कई हीरो हैं। लेकिन दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह ने जो किया था। वह शायद ही क्रिकेट के इतिहास में कोई और खिलाड़ी कर पाएगा। युवराज ने इस टूर्नामेंट में बल्ले और गेंद से तो शानदार प्रदर्शन किया ही। इसके अलावा उन्होंने मैदान पर खून की उल्टियां की और शरीर पर हावी होती कैंसर की बीमारी से भी लड़े। भारत की धरती पर खेले गए इस वर्ल्ड कप में युवराज के जुनून और जज्बे से बड़ा कुछ भी नहीं था। सिर पर बस एक ही धुन सवार थी कि भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाना है।
आज 13 साल बाद युवराज ने इस दिन को याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में भारतीय टीम की 2007 में मिली शर्मनाक हार से लेकर 2011 में चैम्पियन बनाने तक की जर्नी दिखाई गई है। भारतीय क्रिकेट टीम के 28 साल बाद विश्व विजेता बनने पर प्रशंसक जश्न में डूब गए थे। यह मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का भी आखिरी वर्ल्ड कप भी था, ऐसे में उनके लिए यह खिताब एक स्पेशल गिफ्ट भी रहा।
बता दें युवराज सिंह ने वर्ल्ड कप 2011 में 9 मैचों में 86.19 की औसत से 362 रन ठोके थे। इतना ही नहीं युवराज ने गेंद से भी कहर बरपाया था। उन्होंने 9 मैचों में 15 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था। उनके इस जोरदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था। उनके अलावा सचिन तेंदुलकर ने सबसे ज्यादा 482 रन बनाए थे। जबकि जहीर खान ने सबसे ज्यादा 21 विकेट झटके थे।