टूर्नामेंट का कार्यक्रम नहीं है तय
हालांकि आइपीएल ने यह भी कहा है कि अभी टूर्नामेंट का कार्यक्रम और फाइनल की तारीख तय नहीं की गई है। लेकिन किस तरह से इसे मैनेज किया जाएगा, इसे तय कर लिया गया है। इस बार टूर्नामेंट का आयोजन ‘कारवां फॉर्मेट’ में किया जाएगा।
क्या है ‘कारवां फॉर्मेट’
बीसीसीआइ जानता है कि 2009 और 2014 की तरह इस बार भी आम चुनाव की वजह से टीमों और प्लेयर्स को सुरक्षा देने में परेशानी आएगी। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां जहां चुनाव हो रहे होंगे, वहां सुरक्षा व्यवस्था देने से मना कर देगी। इसका तोड़ यह निकाला गया है कि नियमित फॉर्मेट ‘होम’ और अवे’ मैचों के फॉर्मेट को बदल दिया जाएगा। इसके बदले यह देखा जाएगा कि जिस तारीख को जिस क्षेत्र में चुनाव नहीं है, उस शहर को चुन कर लगातार वहीं मैच कराए जाएंगे और उसके बाद जो क्षेत्र चुनाव से खाली हो जाएगा, बाकी के मैच उस शहर में कराए जाएंगे। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि मुंबई में आम चुनाव की तारीख 25 मार्च को पड़ रही है तो और चेन्नई में 27 अप्रैल को तो पहले पड़ने वाले सारे मैचों को चेन्नई में शिफ्ट कर दिया जाएगा चाहे वह मैच मुंबई इंडियंस का ही क्यों न हो। इसके बाद जब 25 मार्च को मुंबई में चुनाव हो जाएंगे और चेन्नई में चुनाव होने की बारी आएगी तो उस वक्त के सारे मैचों को मुंबई में शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस तरह जो-जो शहर उपलब्ध होंगे, वहीं-वहीं सारे मैच करा लिए जाएंगे। इससे प्लेयर्स और टीम को पूरी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाई जा सकेगी।
होम ग्राउंड का नहीं मिलेगा एडवांटेज
इसका एक नुकसान होगा कि इस बार भाग ले रही आइपीएल टीमों को किसी भी शहर में खेलने के लिए तैयार रहना होगा। उन्हें होम ग्राउंड और घरेलू दर्शकों का फायदा नहीं मिलेगा। इस वजह से विशेषज्ञ यह भी चिंता जता रहे हैं कि होम ग्राउंड पर मैच नहीं होने से दर्शकों की संख्या और आइपीएल की लोकप्रियता में कमी आ सकती है।