बोर्ड पूरी पारदर्शिता का करेगा पालन
इस मामले से संबंध रखने वाले सूत्र ने कहा कि बोर्ड आईपीएल-13 (IPL-13) के नए प्रायोजक के लिए पूरी पारदर्शिता और प्रक्रिया का पालन करेगा और वह जल्द ही आईटीबी निकालेगा और पूरा टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।। नीलामी जीतने वाला आईपीएल-13 का टाइटल स्पांसर होगा। बता दें कि चीन के साथ विवाद के बावजूद बोर्ड ने 2 अगस्त को हुई आईपीएल गवर्निंग काउंसिल (IPL Governing Council) की बैठक में वीवो को टाइटल स्पॉन्सर बनाए रखने का निर्णय लिया था। इसके तुरत बाद आईपीएल के बायकॉट की कई संगठनों ने मांग शुरू कर दी। इस मांग ने सोशल मीडिया पर भी जोर पकड़ लिया था।
सिर्फ एक साल के लिए निकाला जाएगा टेंडर
बोर्ड ने हालांकि इस बार के आईपीएल के लिए अब तक निविदा नहीं निकाली है। लेकिन पिछली बार जब 2017 में उसने आईपीएल के शीर्ष प्रायोजक के लिए निविदा मंगाई थी तो पांच साल के लिए आवेदन पत्र की कीमत तीन लाख रुपए रखी थी और साथ में यह स्पष्ट कर दिया था कि आवेदन पत्र की धनराशि वापस नहीं की जाएगी। इस बार यह निविदा सिर्फ एक साल के लिए निकाली जाएगी।
सर्वाधिक बोली लगाने वाले को मिलेगा अधिकार
बोर्ड देश के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में निविदा नोटिस निकालता है। पिछली बार इसमें स्पष्ट लिखा था कि सर्वाधिक बोली लगाने वाले को 2017 से 2022 तक पांच सत्र के लिये इंडियन प्रीमियर लीग का टाइटिल प्रायोजक का अधिकार सौंपा जाएगा। इसी आधार पर सिर्फ इस सत्र के लिए इस बार बोली लगाने के लिए निविदा मंगाई जा सकती है। इस निविदा के अनुसार, टाइटिल प्रायोजक के अधिकारों में कई तरह की ब्रांडिंग और अन्य बाजार से जुड़े अन्य फायदे शामिल होते हैं, जो प्रत्येक आईपीएल मैच में टाइटिल प्रायोजक मिलेंगे।
किसी दूसरे को कंपनी नहीं बेच पाएगी अधिकार
निविदा में यह स्पष्ट लिखा रहता है कि किसी भी कंपनी को बोली जीतने के बाद किसी अन्य को अधिकार नहीं होगा। अगर इस मंशा से कोई आईपीएल की बोली में भाग लेता है तो उसके आवेदन को रद्द कर दिया जाएगा।
ये हैं दावेदार
मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि आईपीएल-13 का शीर्ष प्रायोजक कोई ई-कॉमर्स या ई-लर्निंग कंपनी हो सकती है। इसके अलावा कोई टेलीकॉम सेक्टर या फिर कोई फॉर्मा कंपनी भी अपनी दावेदारी पेश कर सकती है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है क दिवाली का सीजन होने के कारण इस बार अमेजन या फ्लिपकार्ट जैसा ब्रांड इसमें कूद सकता है। उनका यह मानना इसलिए है, क्योंकि लॉकडाउन में जो कुछ हुआ और इसका बाजार पर सकारात्मक आर्थिक प्रभाव ई-लर्निंग, ई-कॉमर्स और फॉर्मा सेक्टर। ई-लर्निंग कंपनी बायजू की दावेदारी इसलिए मजबूत है, क्योंकि वह पहले से भारतीय क्रिकेट टीम का आधिकारिक स्पांसर है। टेलीकॉम सेक्टर से सबसे ज्यादा मजबूत दावेदारी जियो की है। वह ऐसा इकलौता ब्रांड है, जो आठों टीम से जुड़ा है।