आदित्य वर्मा ने लगाई है याचिका
सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में यह याचिका लगाते हुए अदालत से कहा था कि बीसीसीआई ने जौहरी के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को पूरी तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जो स्थितियां हैं, उससे ऐसा लगता है कि जौहरी को निर्दोष साबित करने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जौहरी मामले में प्रशासकों की समिति (COA) की ओर से बनाई गई स्वतंत्र समिति की रिपोर्ट भी नहीं सौंपी गई है।
वर्मा ने कहा कि चूंकि मैं वह लंबे समय से बीसीसीआई के खिलाफ लड़ रहे हैं। ऐसे में उन्हें यह देखकर दुख होता है कि सीओए ने कम्प्लेनेंट के साथ सामाजिक तौर पर अच्छा व्यवहार नहीं किया।
स्वतंत्र समिति दे चुकी है क्लीन चिट
बता दें कि जौहरी मामले पर सीओए ने एक स्वतंत्र समिति बनाई थी। इसमें राकेश शर्मा (सेवानिवृत न्यायाधीश), बरखा सिंह और वीना गौड़ा थीं। राकेश और बरखा ने अपनी जांच में जौहरी को क्लीन चिट दी थी, लेकिन वीना ने जौहरी के व्यवहार को आपत्तिजनक बताया था और बर्मिंघम में एक महिला के साथ जौहरी के किए गए व्यवहार को बीसीसीआई जैसी संस्था के सीईओ के तौर अनुकूल नहीं बताया था।
सीओए में भी एकमत नहीं
स्वतंत्र समिति की जांच को सीओए ने बीसीसीआई की वेबसाइट पर भी जारी किया था। सीएबी के वकील जगन्नाथ सिंह का कहना है कि बीसीसीआई की वेबसाइट पर जारी रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि सीओए के सिर्फ एक अधिकारी ने इस रिपोर्ट को कबूल किया है, जबकि दूसरे सदस्य की इसमें सहमति नहीं है। उन्होंने रिपोर्ट को न तो मंजूर किया है और न ही ठुकराया है। यह लंबित है, जबकि सीओए के चेयरमैन ने साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि सीईओ को दोषमुक्त करार दिया गया है। इस संबंध में वर्मा ने बीसीसीआई मामले में एमिकस क्यूरे पीएस नरसिम्हा को भी पत्र लिखा है। वर्मा ने पत्र में लिखा है कि जिस लड़की ने राहुल जौहरी के खिलाफ शिकायत की है वो बीसीसीआई में काम करती है और रोज परेशानी और भेदभाव का सामना कर रही है।