आईपीएल 2011 में टेलर राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल रहे थे। तब टीम के कप्तान शेन वॉर्न थे और उपकप्तान राहुल द्रविड़। अपनी किताब में इन दो दिग्गजों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने का अनुभव टेलर ने लिखा है। टेलर ने बताया है कि भारतीय खिलाड़ियों की फैन फॉलोइंग कितनी ज्यादा है और उनके लिए सार्वजनिक जगहों पर जाना कितना मुश्किल होता है। रॉस टेलर ने अपनी आत्मकथा में बताया कि वे एक बार द्रविड़ के साथ टाइगर देखने के लिए रणथंभौर नेशनल पार्क गए थे। इस दौरान वहां आए दूसरे पर्यटक बाघ को देखने के बजाय द्रविड़ में अधिक रुचि दिखा रहे थे।
टेलर ने अपनी किताब में लिखा, ‘जंगल सफारी के दौरान मैंने द्रविड़ से पूछा आपने कितनी बार टाइगर देखा है? इसपर उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी टाइगर नहीं देखा। मैं 21 बार सफारी पर गया हूं लेकिन आज तक मुझे टाइगर नहीं दिखा।’ राहुल की बात सुनकर में दंग रह गया। टेलर ने कहा कि आगर उन्हें यह बात पता होती तो वे कभी इस सफारी पर नहीं आते। मैं कहता, ‘नहीं, धन्यवाद, मैं डिस्कवरी चैनल देखूंगा। जेक ओरम को टीवी पर कोई बेसबॉल मैच देखना था, इसलिए वह हमारे साथ सफारी पर नहीं गया। हमारे ड्राइवर को एक सहयोगी से रेडियो कॉल आया कि उन्हें एक प्रसिद्ध, टाइगर टी -17 मिल गया है। द्रविड़ यह सुनकर खुश हो गए, 21 सफारी बिना टाइगर को देखने के बाद 22वीं बार में टाइगर देखने वाले थे।’
टेलर ने आगे लिखा, ‘हम जंगल में अन्य वाहनों के बगल में खड़े हो गए, लैंड रोवर्स से थोड़ी बड़ी एक एसयूवी का ऊपरी हिस्सा खोल दिया। बाघ एक चट्टान पर था, करीब 100 मीटर दूर। सब लोग टाइगर को देखने में बीजी थे। लेकिन तभी उनकी नज़र राहुल द्रविड़ पर पड़ी और सारे कैमरे टाइगर से द्रविड़ कि तरफ मुड़ गए। वे उसे द्रविड़ को देखने के लिए उतने ही उत्साहित थे जितना कि हम टाइगर को देखने के लिए। शायद दुनिया भर में लगभग 4000 टाइगर हैं, लेकिन राहुल द्रविड़ सिर्फ एक है।’
38 साल के टेलर 2008 से 2010 तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेले और 2011 में राजस्थान रॉयल्स के साथ थे। उन्होंने इसके बाद दिल्ली कैपिटल्स और पुणे वॉरियर्स इंडिया टीम का प्रतिनिधित्व किया था।