नवदीप सैनी
नवदीप सैनी रॉयल चैलेंजर बेंगलोर के लिए लगातार मैच खेल रहे हैं और वह अपनी टीम के मुख्य तेज गेंदबाज बने हुए हैं। उन्होंने अपनी तेजी से तो सभी को प्रभावित किया है, लेकिन ऐसी गेंदबाजी नहीं की है, जिससे अपनी टीम को जीता सकें। उन्होंने 7 आईपीए मैचों में सिर्फ 4 विकेट लिए हैं।
दीपक चाहर
इस आईपीएल में सबसे प्रभावशाली प्रदर्शन दीपक चाहर का रहा है। उन्होंने अच्छी स्विंग गेंदबाजी का नमूना पेश करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स को कई मैच जिताने में अहम भूमिका निभाई है और 8 आईपीएल मैचों में 10 विकेट लेकर विकेट लेने के मामले में टॉप फाइव में बने हुए हैं। इन्होंने टीम इंडिया की तरफ से सिर्फ एक एकदिवसीय और इतने ही टी-20 मैच खेले हैं। इन दोनों में उनके हाथ सिर्फ एक-एक विकेट लगा है।
आवेश खान
पिछले आईपीएल में आवेश खान ने अपनी टीम दिल्ली के लिए काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। इनकी गेंदबाजी का मुख्य हथियार इनकी तेजी है। इस बार आईपीएल में दिल्ली के पास दिग्गज कगिसो रबाडा, ईशांत शर्मा, कीमो पाल और मौरिस के होने की वजह से इन्हें सिर्फ एक ही मैच में खेलने का मौका मिला है और वह उसमें कुछ खास नहीं कर सके थे। उस मैच में उनके हाथ कोई विकेट नहीं लगा था।
खलील अहमद
बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज के पास तेजी और स्विंग दोनों हैं। यह विश्व कप की टीम में टीम इंडिया की तरफ से चौथे तेज गेंदबाज के रूप में चुने जाने के सबसे बड़े दावेदारों में से एक थे। लेकिन टीम इंडिया में जब चौथा तेज गेंदबाज ही नहीं चुना गया तो इनको भी मायूस होना पड़ा। यह टीम इंडिया की तरफ से 8 वनडे खेल चुके हैं। इन्होंने 5.37 की शानदार इकोनामी से 11 विकेट भी चटकाए हैं। इसके अलावा इन्होंने भारत के लिए 9 टी-20 मैच खेले हैं। इसमें इन्होंने 10 विकेट लिए हैं। इस आईपीएल में वह सनराइजर्स हैदराबाद की टीम की तरफ से खेल रहे हैं। इस टीम की तरफ से उन्हें अभी तक सिर्फ एक ही मैच में मौका मिला और उसमें उन्होंने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट झटक लिए।
होगा यह फायदा
बीसीसीआई का मानना है कि इंग्लैंड में विश्व कप में खेलने के लिए टीम को जिस उच्च स्तर के तेज गेंदबाजों के सामने अभ्यास की जरूरत होती है। वह इंग्लैंड के स्थानीय तेज गेंदबाजों से पूरा नहीं हो पाएगा। पिछले विश्व कपों के दौरान ऐसा देखा गया है कि कई बार ऐसा हुआ कि उच्च स्तर के तेज गेंदबाज टीम इंडिया को अभ्यास के लिए नहीं मिले और इसका असर टीम के प्रदर्शन पर पड़ा। इसलिए पिछले अनुभवों से सबक लेते हुए बीसीसीआई ने यह निर्णय लिया है कि वह भारतीय बल्लेबाजों को अभ्यास कराने के लिए अपनी टीम के साथ चार बेहतरीन गेंदबाज भेजेगा। इसीलिए उसने इस बात का ख्याल रखा है कि इन गेंदबाजों में भी विविधता रहे। खलील अहमद जहां बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं तो वहीं दीपक चाहर काफी अच्छी स्विंग गेंदबाजी करते हैं। इसके अलावा नवदीप सैनी और आवेश खान के पास काफी तेजी है। इसका एक फायदा यह भी है कि अगर कोई भारतीय तेज गेंदबाज चोटिल हो जाता है तो इनमें से कोई वहीं तुरत टीम से जुड़ जाएगा। भारत से किसी को भेजना नहीं पड़ेगा। ऐसे में अगर इन चारों गेंदबाजों को देखा जाए तो यह स्पष्ट दिखता है कि इन चारों में से विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलने के लिए सिर्फ खलील अहमद ही ऐसे गेंदबाज हैं, जो तैयार हैं। बाकी तीन के पास इस स्तर पर खेलने का अनुभव न के बराबर है। ऐसे में इन चारों में कम से कम एक अनुभवी तेज गेंदबाज को बैकअप में शामिल किया जाना चाहिए था।
विश्व कप के लिए टीम इंडिया
विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप-कप्तान), शिखर धवन, लोकेश राहुल, विजय शंकर, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), केदार जाधव, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, रविंद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव।